आखिर क्यों ? केरल का गवर्नर रह चुके औरंगबाद के पुर्व सांसद सह रिटायर्ड IPS औफिसर को ASP के आवास पर पहुंचना पड़ा ?

अंतत: रिटायर्ड IPS ऑफिसर ने भारतीय पुलिस सेवा की एक अधिकारी ” एएसपी स्वीटी सेहरावत ” को पाला पड़ ही गया ।

दैनिक समाज जागरण,
अनिल कुमार मिश्र ब्यूरोचीफ, बिहार -झारखंड प्रदेश/ धनंजय कुमार अधिवक्ता , विधि संवाददाता /सत्य प्रकाश नारायण सहायक विधि संवाददाता, बिहार- झारखंड प्रदेश, के संयुक्त रिपोर्ट।

बिहार प्रदेश, 5 सितंबर 2023:- पुलिस संरक्षण में बढ़ते अपराध, औरंगाबाद जिले के लिए अभिशाप बन चुका है और पुलिसिया तांड़व की इतिहास जिले में बिहार -सरकार एवं जनप्रतिनिधियों के अस्तित्व पर प्रश्नचिन्ह खड़ा कर दिया है ! बिहार सरकार एवं जिले के नेताओं के दामन पर लगे दाग को अंतत: धोते हुए औरंगाबाद जिले के एक व्योवृद्ध नेता नजर आयें, वह महान व्यक्ति कौन हैं? यह जानने के लिए उत्सूकता आप सभी में होगें ,जिसका जबाब होगा,जिन्हे देश के लगभग हर वर्ग के लोग जानते हैं, वह हैं : – पूर्व गवर्नर सह औरंगाबाद के पुर्व सांसद तथा रिटायर्ड IPS ऑफिसर निखिल कुमार।

कर्तव्यों की पालन में उद्देश्यों से भटक चुके,एएसपी स्वीटी सहरावत औरंगाबाद को नैतिकता का पाठ पढ़ाते हुए पूर्व राज्यपाल निखिल कुमार का खबर सोशल मीडिया पर बड़ी तेजी से चल रहा हैं ,जिसका वीडियो, बिहार प्रदेश के औरंगाबाद जिले में काफी लोक प्रिय बन चुका है और औरंगाबाद जिला का रिटायर्ड IPS ऑफिसर निखिल कुमार चर्चा का विषय बन चुके हैं तथा आम जनता की रुझान उनके प्रति काफी देखने को मिल रहा है। आखिर क्यों? आईए, जमीन से जुड़े हकीकत के संबंध में हम चर्चा करते हैं ।

औरंगाबाद शहर में चोरी की बढ़ती घटनाओं पर रोक लगाने में विफल साबित हो चुके पुलिस के संबंध में लगातार शिकायत माननीय निखिल कुमार को मिल रहा था । शिकायत से हैरान व परेशान होकर (दिल्ली के पुलिस महानिदेशक रह चुके पूर्व राज्यपाल सह औरंगाबाद के पूर्व सांसद ) निखिल कुमार ने औरंगाबाद की सहायक पुलिस अधीक्षक (एएसपी) को फोन कराया ,फोन नहीं उठाने पर स्वयं फोन किया, लेकिन एएसपी ने कॉल रिसीव नहीं किया। कॉल रिसीव नहीं करने पर निखिल कुमार अपने दानी बिगहा स्थित आवास से पैदल ही एएसपी आवास पर पहुंच गए। और एएसपी स्वीटी सहरावत को मिलने के लिए संदेश भेजा।
एएसपी महोदया ने प्रोटोकॉल को भूल गई और उन्होंने कहवा दिया कि वह आवास पर किसी से नही मिलती हैं। कार्यालय पर आकर मिलें । निखिल कुमार अपने दायित्व को निर्वहन करते हुए एएसपी से मिलने के लिए खड़े रहे ,इसी क्रम में जिले के किसी वरीय अधिकारी का नजर पूर्व गवर्नर निखिल कुमार पर पड़ा और उन्होंने अपने आवास पर बैठने के लिए आग्रह भी किया ,किंतु निखिल कुमार एएसपी से मिलने के लिए उनके आवास के सामने खड़े रहे। अंततः एएसपी महोदया ने निखिल कुमार से मिली और अपने सभी सीमाओं को पार कर निखिल कुमार को नसीहत दे डाली।

एएसपी के बातों को सुनते हुए माननीय निखिल कुमार ने एएसपी को पर्सनल लाइफ और पब्लिक लाइफ से लेकर फुल प्रोटोकॉल तक का पाठ पढ़ा दिया। फिर भी एएसपी महोदया के दलिले रूक नहीं रूक पाई और हमेंशा एक कुशल नेतृत्व कर्ता को निगेटीव सोच की जिम्मेवारी देते हूए नजर आई ।
जब हमारे बिहार प्रदेश के औरंगाबाद जिले में पुलिस की कार्यशैली- कार्य प्रणाली, देश के जाने -मानें हस्तियों एवं बिहार -सरकार का अभिन अंग के साथ ऐसी हैं तो आम अवाम व पत्रकारों के साथ उनकी कार्यशैली क्या होंगे? यह तो सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है! आखिर ऐसा क्यो? और जनता की सुरक्षा व रक्षा की जगह ,औरंगाबाद के पुलिस असामाजिक तत्वों, लुटेरे वर्ग एवं अपराधकर्मियो के बचाव में क्यों लगी हुई है! यह अहम सवाल, जांच का विषय है!