वाह रे बिहार ! गर्दन पर लटका है एससी एसटी एक्ट एवं महिला उत्पीड़न की तलवार

वाह रे बिहार ! गर्दन पर लटका है एससी एसटी एक्ट एवं महिला उत्पीड़न की तलवार !! कराह रहे है जनता, बुद्धिजीवी और पत्रकार !!!

लूट की राशि से मालामाल होते जा रहे हैं थानेदार, पंचायती राज्य ब्यवस्था के अधिकारी एवं पंयायत सरकार!!!! वाह रे बिहार!!!!!

दैनिक समाज जागरण, अनिल कुमार मिश्र ,ब्यूरो चीफ बिहार -झारखंड प्रदेश।

बिहार प्रदेश के औरंगाबाद जिले में पंचायती राज व्यवस्था की एक झलक ! बिहार -सरकार एवं इनके इर्द-गिर्द घूम रहे बिहार के तमाम प्रशासनिक एवं पुलिस विभाग के अलाधिकारियों को हैरान करने वाला है! अगर यह कहां जाए कि “पुलिस- अपराधी -बिचौलिया- माफिया गठजोड़ के तहत ” पंचायत सरकार एवं पंचायती राज व्यवस्था की संबंधित पदाधिकारियों द्वारा पंचायत मद का करोड़ो रुपए सरेआम लूटा गया है और आज भी निर्वाधगति से पंचायत मद की राशि का लूट जारी है तथा पंचायत प्रतिनिधियों द्वारा सरकारी संपदा एवं वन संपदा की लूट निर्वाधगति से जारी है। फलस्वरूप बिहार प्रदेश के औरंगाबाद जिले के अम्बा थाना क्षेत्र में आपराधिक ढांचे दिन-प्रतिदिन मजबूत होते जा रहे हैं ,तो इसमें किसी तरह की कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी।

बताते चले की एससी एसटी एक्ट एवं महिला के साथ छेड़खानी जैसे मिथ्या आरोप में त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों द्वारा पंचायत मद की करोड़ों -करोड़ों रुपए की लूट की गई है और निर्वाधगति से लूट आज भी जारी हैं! और पंचायती राज व्यवस्था की सरकार तथा संबंधित पदाधिकारी करोड़ों की लूट मचा रखे है , जिसका ज्वलंत उदाहरण अम्बा थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत परता व अन्य पंचायत में योजना स्थल हैं तथा आरोपितों के बचाव में अम्बा थाना के पदेन थाना अध्यक्ष द्वारा पत्रकारों , वुद्धिजीवियों , पंचायत की जनता पर एससी एसटी एक्ट तथा महिला के साथ झेड़खानी जैसे मिथ्या आरोप में अम्बा थाना में दर्ज अनेको मुकदमा है।

अम्बा थाना के पदेन थाना अध्यक्ष के काली करतूतों पर एक नजर डाला जाए तो यह स्पष्ट है की अम्बा थाना क्षेत्र में महिलाओं के साथ होने वाले अत्याचार एवं एससी एसटी एक्ट परिवार के साथ होने वाले जुल्म की प्राथमिक अम्बा थाना में दर्ज नहीं किया जाता है और अम्बा थाना के पदेन थाना अध्यक्ष द्वारा सरेआम पीड़ितों को कहा जाता है कि एससी एसटी परिवार के लिए एससी एसटी थाना बना हुआ है और महिला के लिए महिला थाना बना हुआ है

सबसे आश्चर्य एवं दिलचस्प की बात तो यह है कि जब किसी माफिया गिरोह द्वारा महिलाओं एवं एससी एसटी परिवार से बुद्धजीवियों, समाज सेवियों, पत्रकार तथा जनता पर जब आरोप लगवाया जाता है तो अम्बा थाना में प्राथमिकी दर्ज कर लिया जाता है और प्राथमिक की आड़ में पदेन थानाध्यक्ष तथा केस के आईओ द्वारा बुद्धजीवियों, समाजसेवियों एवं पत्रकारों को अनेकों तरह से प्रताड़ित किया जाता है और लुटेरों की पक्ष में पर्वेक्षण करता खडे रहते है।
असामाजिक तत्वों, क्षेत्रीय अपराध कर्मियों तथा माफिया गिरोह के बचाव पक्ष में अम्बा थाना के पदेन थानाध्यक्ष एवं केस के आईओ की बात नहीं मानने पर ,जिस मुकदमे में एक भी गवाह नहीं है ! वहां अनेको गवाह के नाम को केस डायरी में लिखकर , झूठे मुकदमे को भी सत्य करार दे दिया जाता है । अंतत पत्रकार, समाजसवी ,बुद्धिजीवी को जेल जाना पड़ता है ! बाद में उन्हें न्यायालय से राहत मिलती है जो बिहार प्रदेश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है।
उपरोक्त उल्लेखित तथ्यों को जिला पदाधिकारी, पुलिस अधीक सदर अनुमंडल पदाधिकारी, सभी औरंगाबाद बिहार के व्हाट्सएप पर प्रेषित कर मनतब्य अथवा प्रतिक्रिया की माँग किया गया है किन्तू समाचार लिखे जाने तक जबाब अप्राप्त है। शेष अगले अंक ….