वाराणसी के बरेका में जला 75 फीट का रावण दहन

समाज जागरण वाराणसी

वाराणसी में मंगलवार को धूमधाम से दशहरा का पर्व मनाया गया। इस दौरान लोगों ने भगवान राम का जयकारा लगाया और कहा कि सत्य की असत्य पर जीत हुई। अहंकार का प्रतीक रावण मारा गया। धर्म नगरी काशी में मेघनाद, रावण और कुंभकर्ण के पुतले को धूं-धूं कर जले। बरेका में शाम चार बजे से तीन घंटे तक संगीतमय रामलीला के प्रस्तुति के बाद श्रीराम ने पुतले का दहन किया। बरेका के बाद मलदहिया चौराहे पर की दूसरी सबसे बड़ी प्रतिमा दहन की गई।

मंगलवार को विजयदशमी पर डीरेका में पुतला दहन के पहले तीन घंटे के रूपक का मंचन हुआ। मैदान में अयोध्या, लंका, किष्किंधा पर्वत, समुद्र, अशोक वाटिका समेत कई स्थानों को तैयार किया गया। श्रीराम, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न, हनुमान, रावण, कुंभकर्ण समेत अन्य सभी के चरित्र में तैयार कलाकारों ने रामायण की प्रस्तुति दी। राम वन-गमन, सीता हरण, लंका दहन, लक्ष्मण पर शक्ति प्रयोग, राम विलाप, सीता अग्निपरीक्षा आदि विविध प्रसंगों को जीवंतता से दर्शाया।

बरेका में जला 75 फीट का रावण

इस बार रावण का पुतला शहर का सबसे ऊंचा पुतला था, जिसकी ऊंचाई 75 फीट थी। खास बात थी कि दशानन का पुतला मंडुवाडीह के शमशाद खान के परिवार ने तैयार किया। कुंभकर्ण के पुतले की ऊंचाई 70 फीट और मेघनाद की ऊंचाई 65 फीट थी। दहन के बाद आसमान में आतिशबाज़ी को हर कोई अपने कैमरे में कैद करता दिखाई दिया।

मलदहिया चौराहे पर रावण के विशाल पुतले का दहन किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि प्रदेश सरकार के राज्य मंत्री रविंद्र जायसवाल ने पुतले में आग लगाई। जैसे ही पुतले में आग लगी, वैसे ही जोरदार धमाका हुआ। राज्यमंत्री समेत अन्य लोग पीछे हट गए और बाल-बाल बच गए। घटना को लेकर चर्चा होती रही