देश के लिए अपने प्राणों की आहुति देकर अब्दुल हमीद ने अपने नाम को अमर कर लिया-मोहन राव भागवत

बिकास राय
ब्यूरो चीफ गाजीपुर
दैनिक समाज जागरण

सत्य के लिए लड़ते हैं रण में

गाज़ीपुर जनपद के धामूपुर गांव में परमवीर चक्र विजेता शहीद वीर अब्दुल हमीद की जयंती मनाई गई। जयंती राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ प्रमुख डा. मोहन राव भागवत के आने से राष्ट्रीय आकर्षक का केंद्र बन गई।संघ प्रमुख ने कैप्टन मकसूद गाजीपुरी के साथ परमवीर चक्र विजेता शहीद वीर अब्दुल हमीद और उनकी पत्नी रसूलन बीबी के प्रतिमा पर माल्यार्पण कर नमन किया। संघ प्रमुख मोहन भागवत को शहीद परिवार के लोगों ने स्मृति चिन्ह और अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया। मोहन भागवत ने शहीद के परिवार के शमीम अहमद, परवेज, जैनुल को वस्त्र देकर सम्मानित किया। इसके बाद महाराष्ट्र के लेखक डा.रामचंद्रन श्रीनिवासन द्वारा लिखित पुस्तक मेरे पापा परमवीर का विमोचन किया। मुख्य अतिथि संघ प्रमुख डॉ मोहन राव भागवत ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि शहीदों के चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले, बाकी वतन पर मर मिटने वालों कि यही निशा होगी।जीवन जीकर अपने अनुभव के आधार पर स्‍मृति बनाने वाले ये भगवान स्‍वरुप लोग है। यह कठिन तपस्‍या है। उन्‍होने कहा कि समाज में दो तरह के लोग होते हैं एक योगी होते हैं जो सत्‍य के लिए निरंतर साधना करते हैं दूसरे वह मानव होते है जो सत्‍य के लिए रण में लड़ते हैं और वीरगति को प्राप्‍त होते हैं। इसलिए वह उत्‍तमगति के अधिकारी होते हैं। वीर सैनिक अपने प्राण देकर अपनी मातृभूमि की रक्षा करते हैं वह अपने लिए नही अपने देश के लिए जीते हैं और देश के लिए लड़ते हैं।

वीर अब्‍दुल हमीद का उदाहरण सबसे उत्‍तम हैं कि जीवन कैसा होना चाहिए। उन्‍होने देश के लिए अपने प्राणों की आहुति देकर अपने नाम को अमर कर लिया, इसीलिए हम लोग उनको याद करते हैं। संघ प्रमुख ने कहा कि सभी लोगों को वर्ष में एक बार जरुर परमवीर चक्र विजेता वीर अब्‍दुल हमीद धाम में आना चाहिए और उनके स्‍मृतियों को स्‍मरण कर आचार-व्‍यवहार के प्रयोग में अपनाना चाहिए। वास्तव में शहीद अमर हो जाते हैं। देश की परंपरा जीवन जीना है उपभोग,लालच नहीं करना है। ऐसे स्मृति को जागृति करना न्याय प्रिय है। उन्होंने कहा कि पशु और नर में भोजन,आराम, प्रजा परिवार को बढ़ाना खतरों से बचाना सामान्य प्रवृत्ति है। मनुष्य में संवेदना होती है। पशु घास खाता है,जब तक खाता है वह छोड़ता नहीं, भूख मिट जाता है तो स्वतः छोड़ देता है। मनुष्य को परिवार की चिंता रहता है अपने भूखे रहकर भी दूसरों को पेट भरता है अगर उसके थाली के सामने दूसरा भी आ जाए तो उसको भी खिलाने कि चाह रहता है। मनुष्य का विकास इस तरह से होता है।
सर्कस में बकरी शेर एक थाली में खाना खाते हैं।हाथी साइकिल चलाता है।बंदर मोटरसाइकिल चलाता है यह विकास नहीं है। शेर का काम है कि जंगल में रहे,हाथी अपने सूंड से बड़े-बड़े पेड़ को उखाड़े। मनुष्य सब के बारे में सोचते हैं जो सबके बारे में सोचता है।सरहद पर गोलियां चलती हैं किस गोली पर किसका नाम है यह सैनिक नहीं सोचता,सैनिक सोचता है कि भारत माता की रक्षा करनी है। भारत के सैनिक तनख्वाह पर नहीं देश के मातृ भूमि के रक्षा के लिए अपने को कुर्बान कर देते है। और देश का सेवा करते हैं। इस मौके पर कैप्टन मकसूद गाजीपुर,नसीम रजा खान, भाजपा जिलाध्यक्ष सुनील सिंह, शमीम अहमद,अनिकेत चौहान,दुर्गा चौरसिया,संतोष मिश्रा,अजय चौहान, डॉक्टर केपी सिंह, संजीत प्रजापति, अनिल कुमार पांडे,मनोज यादव, शैलेश कुमार, सरोज मिश्रा, श्रवण सिंह, पारस यादव, डॉक्टर एके वर्मा, खंड विकास अधिकारी संजय गुप्ता, प्रधान सिकानु राम आदि लोग मौजूद रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता कैप्टन मकसूद गाजीपुरी और संचालन सादात ब्लाक प्रमुख प्रतिनिधि संतोष यादव ने किया।