आखिर किसका फोन आने के बाद ओवरब्रिज का निर्माण कार्य ढीला हो जाता है

समाज जागरण
मनोज यादव ब्यूरो अमेठी

अमेठी : अमेठी में ककवा रोड पर बहुप्रतीक्षित ओवर ब्रिज का निर्माण कार्य 2019 में होना शुरू हुआ। इस ओवरब्रिज के निर्माण के लिए तत्कालीन भारतीय किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष रहे स्व0 प्रमोद कुमार मिश्र ने स्थानीय प्रशासन, उत्तर प्रदेश सरकार, सांसद अमेठी व रेलवे के अधिकारियों को जनता के साथ कई बार ज्ञापन देकर कोशिश किया। उनकी कोशिश रंग लाई और ओवर ब्रिज के निर्माण के लिए मंजूरी मिली और 2019 में निर्माण कार्य शुरू हुआ। निर्माण कार्य शुरू होते ही ककवा रोड पर फुटपाथ तक बने मकान अवरोध पैदा करने लगे। सभी मकान मालिकों को बीच सड़क से 9 मीटर तक अपने निर्माण को हटा लेने की नोटिस दी गई।
नोटिस मिलने के बाद से ही निर्माण कार्य खटाई में पड़ने लगा। कुछ लोगों ने विरोध करते हुए पहले तो धरना प्रदर्शन शुरू किया। तत्कालीन डीएम रहे अरुण कुमार से भी उस रोड पर बने मालिकों ने मुलाकात कर नोटिस को वापस लेने की मांग की लेकिन बात न बनते देख लोगों ने न्यायालय की शरण ली। तत्कालीन एसडीएम अमेठी रहे योगेंद्र सिंह ने लोगों को समझाने की बहुत कोशिश की लेकिन नतीजा शून्य रहा। उन्होंने 9 मीटर के बजाय 8 मीटर तोड़ने के लिए जबानी कह दिया। हालांकि लिखापढ़ी में नहीं था यह। कुछ लोगों ने अपने हिसाब से मकान के अगले हिस्से को तोड़ा भी लेकिन ज्यादातर लोगों के मकान आजतक थोड़ा भी नहीं टूटे।
समाजवादी पार्टी के जिला उपाध्यक्ष व अमेठी तहसील के एडवोकेट राजेश मिश्रा ओवरब्रिज निर्माण के पक्ष में बार बार प्रयास करते हुए डीएम अमेठी को प्रार्थनापत्र देकर रुके हुए निर्माण कार्य को अविलंब पूरा कराए जाने की मांग की।
एडवोकेट राजेश मिश्र ने बताया कि उनकी मांग पर डीएम ने अन्य अधिकारियों को मौके पर भजकर निर्माण कार्य में आ रही बाधा को दूर करने को कहा। उनके आदेश पर अधिकारी गण मौके पर जाते है, वहां फिर 9 मीटर तक किए गए अतिक्रमण को हटा लेने की नोटिस भी चस्पा कराते हैं लेकिन जैसे ही अधिकारीगण वापस आते हैं, किसी प्रभावशाली व्यक्ति का फोन आ जाता है और सारी तेजी ठंडी पड़ जाती है। राजेश मिश्र ने कहा कि सरकारी जमीन को अतिक्रमण कर ककवा रोड के लोग उसे अपनी जमीन बताते हुए अतिक्रमण मुक्त नहीं करने की ठान रखे हैं।

अभी 16 अप्रैल 2022 को एक बार फिर एडवोकेट राजेश मिश्र ने सम्पूर्ण समाधान दिवस में ओवरब्रिज निर्माण कार्य को तेज कराए जाने के संबंध में प्रार्थनापत्र दिया था। डीएम ने एसडीएम, तहसीलदार और कोतवाली पुलिस को मौके पर भेज प्रगति में आ रही बाधा दूर करने का निर्देश दिया। अधिकारीगण मौके पर जाकर 7 जुलाई तक हर हाल ने सड़क किनारे किए गए अतिक्रमण को खाली करने की नोटिस चस्पा करा दी लेकिन आज तक अतिक्रमण पहले जैसा ही है। एडवोकेट राजेश मिश्र ने कहा कि अमेठी के ही एक प्रभावशाली व्यक्ति का फोन आने के बाद अधिकारी सुन्न से हो जाते है।

आपको बता दें ओवरब्रिज के बनने से अमेठी से 22 किलोमीटर तक के लोगों को जाम की समस्या से निजात मिलेगी। जब से निर्माणकार्य शुरू हुआ, 500 मीटर दूर अमेठी पहुंचने के लिए 5 किलोमीटर घूम कर आना होता है। इसमें बुजुर्ग, बीमार, छात्र और नौकरी पेशा लोगों के साथ साथ बाहर से आने जाने वाले लोग भी शामिल हैं जिन्हें ये दिक्कत हो रही है। राजेश मिश्र ने कहा कि इस बात का खुलासा किया जाए कि आखिर फोन कर काम रुकवाने वाला प्रभावशाली व्यक्ति कौन है जिसके एक फोन आने के बाद पूरा प्रशासन ढीला हो जाता है। राजेश मिश्र ने एक खास बात कही कि जो अधिकारी निर्माण कार्य को तेज कराने की कोशिश करता है उसका ट्रांसफर हो जाता है।