बस्ती में स्थित मखौड़ा से अयोध्या चौरासी कोसी परिक्रमा आज से शुरू, चार अलग-अलग जत्थों में निकलेंगे परिक्रमार्थी

राजेश तिवारी
अयोध्या।
सुप्रसिद्ध रामनगरी अयोध्या की 84 कोसी परिक्रमा का विधिवत शुभारंभ बैसाख कृष्ण प्रतिपदा के पर्व पर बुधवार 24 अप्रैल को मखभूमि (मखौड़ा धाम) से होगी।
बस्ती जनपद में परशुरामपुर के निकट मखौड़ा में स्थित मनोरमा नदी के तट पर स्थित यह वह पौराणिक स्थल है जहां चक्रवर्ती नरेश महाराज दशरथ ने पुत्रेष्टि यज्ञ कराया था। इस यज्ञ के फलस्वरूप भगवान राम व उनके तीनों अनुजों का प्राकट्य हुआ। इस पवित्र से वृहत्तर अयोध्या की परिक्रमा सनातन काल से चली आ रही है। करीब 252 किमी. की इस परिक्रमा की परिधि में पौराणिक काल के विशिष्ट ऋषियों के आश्रम व अन्य तीर्थ भी है। लगभग 22 दिनों तक चलने वाली इस परिक्रमा का समापन सीताकुंड अयोध्या में जानकी नवमी के पर्व पर होता है। इस साल जानकी नवमी का पर्व 17 मई को मनाया जाएगा।
सनातन परिक्रमा की इस परम्परा को जीवंत रखने वाले श्री अयोध्या धाम 84 कोसी परिक्रमा धर्मार्थ सेवा संस्थान व नरोत्तम मंदिर कनीगंज महंत गया दास बताते हैं कि 22 दिनों तक चलने वाली इस परिक्रमा के 22 पड़ाव पूर्व निर्धारित हैं। इन पड़ावों पर रात्रि विश्राम के बाद श्रद्धालु अगले पड़ाव की ओर बढ़ते हैं। उन्होंने बताया कि इन सभी पड़ाव स्थल पर स्थानीय ग्रामीण श्रद्धालुओं की समिति है जो परिक्रमा में आने वाले परिक्रमार्थियों की सुविधाओं का प्रबंध जन सहयोग से करती है।
उधर इस बार 84 कोसी परिक्रमा के परिक्रमार्थी चार अलग-अलग संस्थाओं के संयोजन में चार अलग-अलग स्थानों से चैत्र पूर्णिमा के पर्व पर मंगलवार को मखौड़ा धाम के लिए प्रस्थान करेंगे। इनमें धर्मार्थ सेवा संस्थान के बैनर तले श्रद्धालुओं का जत्था नरोत्तम मंदिर से अपराह्न तीन बजे कूच करेगा। वहीं सदगुरु कृपा मंडल का जत्था सदगुरु सदन गोलाघाट व बड़ी छावनी सोनकर कुंड से महंत ओंकार दास के नेतृत्व में जत्था निकलेगा।
हनुमान मंडल की ओर से परिक्रमार्थियों का दल मंगलवार को कारसेवकपुरम से मखभूमि (मखौड़ा) के लिए प्रस्थान करेगा। इसके लिए पंजीकृत श्रद्धालुओं का आगमन शुरू हो गया है। हनुमान मंडल परिक्रमा के प्रभारी सुरेन्द्र सिंह परिक्रमा बैशाख कृष्ण प्रतिपदा तदनुसार 24 अप्रैल को प्रातः छह बजे मखभूमि से प्रारंभ होकर परिक्रमा बैशाख शुक्ल सप्तमी यानी 14 मई को संपन्न होगी। इस प्रकार परिक्रमा का यह धार्मिक अनुष्ठान 21 दिवसीय होगा। उन्होंने बताया कि परिक्रमा की सभी तैयारियां पूरी हो गई हैं।

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