
बिहार के औरंगाबाद जिले में अश्लीलता से भरी गानो को बच्चों के बीच परोसकर अपनी सितारे को बुलंद करने की जुगाड़ में नीजी शिक्षण संस्थान के प्रबंधन लगें हुए हैं, जो क्षमा योग्य नहीं हैं।
दैनिक समाज जागरण,औरंगाबाद (बिहार) 28 दिसंबर 2022 :- बिहार राज्य के औरंगाबाद जिले का शैक्षणिक संस्थान “कोचिंग सेंटर एवं निजी विद्यालय” द्वारा आयोजित कार्यक्रम में इनदिनों अश्लीलता से भरी भोजपुरी गानों का धुम मची हुई है और शैक्षणिक संस्थान से जुड़े लोग शिक्षा के आड़ में बच्चों के बीच अश्लीलता परोस रहे हैं। ऐसी घटनाएं वार्षिकोत्सव के अवसर पर आम बात बन चुकी है और हमेशा देखने को मिलते आ रहे है।ः
ऐसी ही घटना गत दिनों औरंगाबाद जिले के कोचिंग सेंटर में भी घटी है जिसके विरुद्ध जिला शिक्षि पदाधिकारी औरंगाबाद ने संज्ञान लिया है और संस्था के प्रबंधक को पत्र लिखकर तीन दिवस के अंदर स्पष्टीकरण का माँग किया गया है कि आपके विरुद्ध कार्रवाई के लिए संबंधित अधिकारियों को पत्र क्यों नहीं लिखा जाए ।
बतातें चले कि एक नीजी शिक्षण संस्था “कोचिंग सेंटर ” द्वारा आयोजित कार्यक्रम का वीड़ियो वायर हैं जिसमें में उक्त संस्थान द्वारा अश्लीलता से भरी भोजपुरी गीतों पर डांस की कार्यक्रम चल रहा है जिसका नाम वायर खबरों के अनुसार नारायणा क्लासेज औरंगाबाद है, उक्त विद्यालय से संबंधित अनेको वीडियो वायरल है जिसमे अनेको वीड़ियो ऐसे वायर हैं कि बच्चों के सामने अभिभावक का सर झुक जा रहे हैं। कुछ ऐसे वीड़ियो हैं जिसे मीड़िया द्वारा जनमानस को देखाना संभव नहीं हैं फिर भी समाज में फैलायें जा रहे अराजकता को रोकने के लिए वायर वीडियो का कुछ अंश जनहित में दिखाया जा रहा है। वायरल वीडियो की पुष्टि समाज जागरण द्वारा नहीं की जाती है।
शैक्षणिक संस्थानों द्वारा आयोजित कार्यक्रमों में ऐसी हरकतें जनमानस को हैरान कर देने वाले हैं तथा अपने बच्चों के भविष्य के प्रति अभिभावक काफी चिंतित हैं और कह रहे हैं कि शिक्षण संस्थान भोजपुरी गाने के माध्यम से जब बच्चों के बीच ऐसी अश्लीलता परोसेंगे तो इनके भविष्य का क्या होगा।
बुद्धिजीवियों ने जिला प्रशासन से सवाल पूछा है कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेश अनुसार भारत में डीजे पर प्रतिबंध है फिर भी डीजे के धुन पर निजी शैक्षणिक संस्थानों में बच्चे कैसे नाच रहे हैं और डीजे पर प्रतिबंध होने के बावजूद भी अधिकांश शैक्षणिक संस्थानों में डीजे के धुन पर पर धूम मचाने वाले गाने कैसे चलते हैं और स्कूल प्रबंधन द्वारा डीजे बजाने की अनुमति क्यों और कैसे दिया जाता है । क्या यह सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों का अवमानना नहीं है।
अगर यूं कहा जाए कि संस्थागत लोग बच्चों के बीच अश्लीलता से भरी गानो को परोसकर शिक्षण संस्थान की आड़ में अपनी सितारे को बुलंद करने की जुगाड़ में लगें हुए हैं तो इसमें कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी
औरंगाबाद जिले के सोशल एक्टिविस्ट बुद्धिजीवियों एवं न्यायविद तथा अभिभावकों नें नारायणी क्लासेज से संबंधित वायरल वीडियो के आलोक में संस्था के विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने तथा निजी विद्यालय में ऐसे कार्यक्रमों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है।