समाज जागरण ब्यूरो चीफ विवेक देशमुख
बिलासपुर। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय टिकरापारा सेवा केंद्र के हार्मनी हॉल में 11 दिवसीय बाल संस्कार शिविर की शुरुआत हुई। प्रभु स्मृति के पश्चात राष्ट्रीय स्वयंसेवक के वरिष्ठ सदस्य श्री शरद बलहाल जी, प्रधान पाठिका श्रीमती उषा साहू , संदीप बलहाल, सभी प्रशिक्षक एवं कुछ बच्चों ने मिलकर दीप प्रज्वलन किया।
प्रारम्भिक योग सत्र की शुरुआत में ब्रह्मा कुमार डॉ राकेश भाई ने सभी बच्चों को ओमध्वनि, सूर्य नमस्कार, प्राणायाम, आसन व म्यूजिकल एक्सरसाइज की विधि बताकर अभ्यास भी कराया…
ब्रम्हाकुमारी पूर्णिमा बहन ने ध्यान की अनुभूति कराते हुए आत्मा का ज्ञान दिया और कहा कि हम सभी मनुष्य में चैतन्य शक्ति आत्मा विराजमान है और वही शक्ति इस शरीर रूपी गाड़ी को चलाने वाली अजर अमर अविनाशी सत्ता है। हमारा यह शरीर पांच तत्वों से मिल कर बना है और आत्मा 7 गुणों से मिलकर बनी है और दोनों एक दूसरे के पूरक है l
ब्रम्हाकुमारी श्यामा बहन ने प्रेम के गुण पर आधारित कहानी बताते हुए कहा कि प्रेम एक ऐसा गुण है, जो मानव को मानव से जोड़ने का कार्य करता है। प्रेम की भाषा मनुष्य तो क्या पशु -पक्षी, जीव -जंतु, वस्तु भी समझते हैं। इसलिए हमें पहले स्वयं से प्रेम करना होगा। जो स्वयं, से प्रेम करते हैं वही परिवार से, साथी से स्कूल से व देश से प्रेम कर सकता है।
आगे कुमारी गौरी बहन ने कविता के माध्यम से सभी बच्चों को बताया कि ‘जिंदगी की दौड़ में चाहे थोड़ा पीछे चलोl छोड़ो कुछ भी तुम मगर, आशा कभी ना छोड़ो’ इस कविता के माध्यम से जीवन में कभी भी निराशा नहीं आएगी। अपने लक्ष्य को सामने रख आशा की ज्योति जगाए जीवन में आगे बढ़ते रहेl आगे उन्होंने सभी बच्चों को एक बहुत सुंदर गीत पर नृत्य सिखाया एकाग्रता की चेकिंग के लिए गेम्स भी कराए । अंत में ध्यान का अभ्यास कराते हुए परमात्मा अनुभूति कराई l अंत में राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी रूपा बहन व निता बहन के द्वारा सभी बच्चों को प्रसाद दी गई l