बलिया: आस्था के महापर्व पर व्रतियों ने दिया अस्ताचलगामी भगवान सूर्य को अर्घ्य



-डाला छठ पर्व
-शहर और देहात हर छठपूजा घाट पर उमड़ा आस्था का भारी जनसैलाब
-पेनह ना हमखृ राम चुनरिया, दऊरा घाटे पहुंचाव, गीत से गूंजा माहौल

शशिकांत ओझा, ब्यूरो चीफ और समाज जागरण बलिया टीम

आस्था के महापर्व डाला छठ पर रविवार की शाम छठ घाटों पर आस्था का भारी जनसैलाब उमड़ा। व्रती महिलाओं ने पूरे मनोयोग से अस्ताचलगामी भगवान भाष्कर को अर्घ्य दिया। दैनिक समाज जागरण की पूरी टीम छठपूजा की साक्षी भी बनी। प्रस्तुत है समाज जागरण टीम की प्रस्तुति………….

बैरिया तहसील प्रतिनिधि नित्यानंद सिंह के अनुसार लोक आस्था का महापर्व छठ को लेकर घाट को दुल्हन की तरह सजा दिया गया है। तालाबों की ओर जाने वाले रास्ते को रौलेक्स एवं रंग बिरंगी बल्बों से सजाया गया है।घाट के पास वातावरण छठ गीतों से गुंजायमान हो गया है। रविवार को जैसे ही सूर्य पश्चिम में अस्त हुए वैसे ही नदी घाटों व रास्ते रंग बिरंगी लाइटों से जगमगा उठा। रात में ही सुबह जैसा नजारा दिख रहा है। लाइट एवं रंग बिरंगी बल्बों से नगर पंचायत बैरिया, कोटवा ग्राम पंचायत पंचायत भवन, सुदिष्ट बाबा धाम के पोखरा,जगमग हो गया है। तालाबों के घाटों किनारे-किनारे तक पूजा समितियों ने ऐसी लाइटिंग की व्यवस्था की है कि वहां सूई भी गिरेगी तो वह दिख जायेगी। रात एवं दिन का फर्क मिट गया है।सुदिष्ट बाबा का पोखरा ऐतिहासिक
पोखरा है। घाटों को सजाया गया जैसे लग रहा है कि कोई दुल्हन तैयार हो कर बैठी है। छठ व्रतियों को कोई कठिनाई न हो।
बांसडीह तहसील प्रभारी कृष्ण कुमार पांडेय के अनुसार पूरे देश नही बल्कि विश्व विख्यात छठ का महा पर्व हो चुका है। शहर से लगायत गांवों तक छठ का धूम मचा है। ऐसे में 36 घंटा के निर्जला व्रत छठ व्रत पर व्रत धारी घाट की तरफ निकल पड़े हैं। बांसडीह क्षेत्र में हर्षोल्लास के साथ छठ पर्व मनाया जा रहा।
रसड़ा तहसील प्रतिनिधि ऋचा वर्मा के अनुसार लोक आस्था छठ महापर्व रसड़ा नगर में बड़े ही धूम धाम से मनाया गया। कस्बा स्थित श्री नाथ मठ नाथ सरोवर के घाटों पर श्रद्धालुओं ने रविवार को डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया। बताते चलें कि रविवार की दोपहर दो बजे से ही श्रद्धालु महिलाएं व पुरुष नाथ बाबा के घाटों की ओर जाने लगे थे। पुरुष अपने सिर पर दउरी तो व्रती महिलाएं हाथों में कलश व सूर्य उपासना षष्ठी माता के गीतों को गाते हुए घाटों की ओर जाते हुईं देखी गईं। संध्याकालीन होते होते सूर्य के अस्त होते वक्त व्रती महिलाएं पूरे विधि विधान पूर्वक पूजन अर्चन के साथ भगवान भास्कर को अर्घ्य देकर परिवार की सुख समृद्धि व पुत्र दीर्घायु हेतु मंगल कामना कीं। ईख, ठेकुआ के साथ साथ अन्य फल फूल प्रसाद के रूप में चढ़ाया गया। इसके बाद कलश पर दीप प्रज्ज्वलित छठी मईया के प्रति पावन भावना के साथ मंद मंद स्वरों में गीत गुनगुनाते हुए घर को लौटीं। वहीं सुरक्षा की दृष्टि से कोतवाल हिमेंद्र सिंह , सिटी इंचार्ज अजय यादव के साथ भारी पुलिस बल तैनात रही।
सिकन्दरपुर तहसील प्रतिनिधि रजनीश श्रीवास्तव के अनुसार तहसील क्षेत्र के पूर गांव में छठ पूजा के पूर्व संध्या पर दीपोत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

जहां बालू पर दीपोत्सव की कला कृति उकेरी गई थी। पूर गांव में एक दिया गांव के नाम पर स्लोगन ये साथ ग्रामवासियों द्वारा 25 हज़ार दीपों को जलाया गया। जिसमें दीपों की भव्य नज़ारा देखने को मिला हैं। तथा पटाखों से पूरा आसमान तारों की तरह जगमगा रहा था। पूरे आसमान में अद्भुत नाजरा लग रहा था। वही वाराणसी के कर्मकाण्ड पंडितों के द्वारा गंगा आरती का आयोजन भी किया गया। वही छठ पूजन समिति द्वारा बताया गया कि छठ पर्व से एक दिन पहले पूर्व संध्या पर दीपोत्सव का कार्यक्रम किया जाता हैं। आज 25 हज़ार दीपों को एक दिया गांव के नाम पर दान किया हैं।


नगरा प्रतिनिधि संतोष कुमार द्विवेदी के अनुसार छठ घाटों पर रविवार को सायंकाल आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। महिलाओं ने शाम को तालाब,पोखरों व नहरों के किनारे बने छठ घाट पर डूबते हुए सूर्य को अर्ध्य दिया। देर शाम महिलाओं ने पूजन अर्चन कर कोसी पूजा किया। पुत्र प्राप्ति और मंगल कामना के लिए व्रती महिलाओं ने तालाब व पोखरों में खड़े होकर छठ मइया की आराधना किया। खनवर में विधायक उमाशंकर सिंह के अनुज रमेश सिंह व युकेश सिंह अपने माथे पर प्रसाद से भरा दऊरा उठाकर अन्य परिजनों पिता घुरहू सिंह, पुष्पा सिंह, उषा सिंह, प्रतिभा सिंह के साथ खाकी बाबा सरोवर पहुंचे। विधायक के परिजन वहां पर व्रती महिलाओ से आशीर्वाद प्राप्त किया। नगर पंचायत के भगमलपुर पोखरे, पचफेडवा पोखरे तथा प्राचीन दुर्गा मन्दिर पोखरे के अलावा चचयां ,भंडारी, सरायचावट पोखरे के अलावा सभी गावों में स्थित तालाब पोखरों पर व्रतियों एवं श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी रही। पूर्व प्रमुख निर्भय प्रकाश, अनिल सिंह, श्रेयस सोर्टेक्स के एमडी विनय सिंह, पूर्व प्रधान काशीनाथ जायसवाल, जेपी जायसवाल, रामायण ठाकुर, युवा समाजसेवी कृष्णपाल यादव,आदि ने व्रतियों को सूर्य षष्ठी की शुभकामनाएं ज्ञापित की।
खेजुरी प्रतिनिधि अनूप राय के अनुसार आस्‍था और विश्‍वास के महापर्व छठ क्षेत्र के प्रत्येक गांवो में हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी बड़े धूमधाम और उल्‍लास के साथ मनाया गया। छठ पूजा में सूर्यदेव और छठी मैया की उपासना का खास महत्व माना जाता है। छठ पूजा रविवार को सायं अस्‍ताचलगामी सूर्य को व्रती महिलाओं द्वारा पहला अर्घ्य दिया गया, जिसका बहुत ही महत्व है और कल उगते हुए सूर्य को अर्घ्‍य दिया जाएगा। व्रती जल में खड़े रहकर डूबते हुए सूर्य को अर्घ्‍य दी।


रेवती प्रतिनिधि ऋतुराज तिवारी बिन्दू के अनुसार नगर सहित ग्रामीण इलाकों में रविवार को विभिन्न छठ घाटों पर व्रती महिला-पुरुषों ने अस्तलगामी सूर्य को प्रथम अर्घ्य प्रदान किया। आस्था के इस महापर्व पर व्रतधारी महिला और पुरूष दोपहर बाद अपने घरों से दऊरा और सूप में पूजन सामग्री सजाकर छठघाट की ओर रवाना होने लगे थे। उनके साथ उनके परिजन एवं मोहल्ले के लोग छठ मइया के मंगल एवं भक्ति गीत गाते हुए उत्साह एवं श्रद्धा के साथ छठघाट पर पहुंच रहे थे। शाम को नगर के महादेव स्थान, गांधी घाट, मौनी बाबा हनुमान मंदिर, उत्तर टोला दुर्गा मंदिर, बाड़ीगढ़, वार्ड नं तीन सहित विभिन्न घाट देखते ही देखते व्रतियों व श्रद्धालुओं से भर गया। घाट पर पहुंचकर व्रतियों ने छठ मइया की अराधना करना प्रारंभ कर दिया। वे सूर्य के अस्त होने के इंतजार में पानी के अंदर खड़े होकर छठ मइया से मनौती मांगते रहे। नगर पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि अजय शंकर उर्फ कनक पाण्डेय, समाजसेवी राणा योगेन्द्र विक्रम सिंह माण्डलू, अमित पांडेय पप्पू, अतुल पाण्डेय बब्लू, महेश तिवारी, ओंकार नाथ ओझा, भोला ओझा आदि लोग विभिन्न घाटों पर पहुंच व्रतियों से आशीर्वाद लिया। प्रभारी निरीक्षक हरेंद्र सिंह मय फोर्स मुस्तैद रहे।
नवानगर प्रतिनिधि अतुल राय के अनुसार आस्था व विश्वास के महापर्व छठ के दिन रविवार को सायं 3 बजे से ही अस्तांचल सूर्य को अर्घ्य देकर मनौती पूर्ण करने की गुहार लगाने के लिये व्रती महिलाओं की भीड़ क्षेत्र के करमौता, रूद्रवार रानीपार, जमुई ,नवानगर, भांटी, हुसैनपुर, जजौली आदि सभी गांवो में छठ घाटों पर उमड़नी शुरू हो गई । छोटे बड़े,सभी लोग माथे पर पूजा के पकवानों व फलों से से भरे हुए बांस की दौरी को लेकर छठ घाट की ओर चल दिये । घाटों पर बजते छठ मैय्या के गीतों के कैसेट से भक्ति का माहौल बना रहा। श्रद्धालु पूजा सामग्रियों के साथ क्षेत्र की नदी, घाट और पोखरों पर पहुंचे व्रती महिलाओं द्वारा जल में खड़े होकर अस्तांचल सूर्य को अ‌र्घ्य दिया। कल उगते हुए सूरज को अर्घ दिया जाएगा। इस दौरान सभी छठ घाटों पर मेला लगा रहा। वही कई ग्राम प्रधानों द्वारा छठ घाटों की सफाई कराने के साथ ही लाइटिंग की भी व्यवस्था कराई गई थी वहीं स्थानीय पुलिस भी घाटों की चक्रमण करती रही।

चिलकहर प्रतिनिधि श्रीश पांडेय संतोष पांडेय के अनुसार लोक आस्था का महापर्व छठ को लेकर घाट को दुल्हन की तरह सजा दिया गया है।

तालाबों की ओर जाने वाले रास्ते को रौलेक्स एवं रंग बिरंगी बल्बों से सजाया गया है। घाट के पास वातावरण छठ गीतों से गुंजायमान हो गया है। रविवार को जैसे ही सूर्य पश्चिम में अस्त हुए वैसे ही नदी घाटों व रास्ते रंग बिरंगी लाइटों से जगमगा उठा। रात में ही सुबह जैसा नजारा दिख रहा है। लाइट एवं रंग बिरंगी बल्बों से ग्राम पंचायत छब्बी ,पाण्डेपुर, सलेमपुर , ताखा शिवमंदिर कुकुरहा पोखरा,जगमग हो गया है। तालाबों के घाटों किनारे-किनारे तक पूजा समितियों ने ऐसी लाइटिंग की व्यवस्था की है कि वहां सूई भी गिरेगी तो वह दिख जायेगी। रात एवं दिन का फर्क मिट गया है। पोखरा है। घाटों को सजाया गया जैसे लग रहा है कि कोई दुल्हन तैयार हो कर बैठी है। छठ व्रतियों को कोई कठिनाई न होसके
हल्दी प्रतिनिधि राजीव कुमार चतुर्वेदी के अनुसार
लोक आस्था के महापर्व छठ कि शुरुआत हो चुकी हैं आज रविवार को भगवान भास्कर को संध्याकालीन को अर्घ्य अर्पण हुआ। विकास खण्ड बेलहरी क्षेत्र में कही तालाब तो कोई अपने घर में ही बेदी बनाकर व्रती औरतों ने पूजा अर्चना कि वही छठ घाटों पर झालर लाइट तथा रोलेक्स के साथ खूब सजाया गया था। मन्नते पूरी होने पर वर्ती महिलाये पुरुष घर से ही जमीन पर लेटकर आ रही थी वही लोग घर से माथे पर दौरा लेकर छठ घाट पर पहुँच कर पूजा में सहभागी बने घाट पर पहुँचते ही महिलाये छठी मईया कि गीत के साथ दीपावली जलाकर सूर्य देव को अर्घ्य देने का इंतजार कर रही थी वही बच्चों में उत्साह देखते बन रहा था क्या बच्चे क्या बड़े सभी लोग पटाखे बजाने में मशगूल थे। छठ पूजा का संध्या अर्घ्य कार्तिक माह की शुक्ल षष्ठी को दिया जाता है. इसके लिए छठ व्रती सूर्यास्त से पहले छठ घाट पर पहुंचते हैं. जहां जल में खड़े होकर सूर्यास्त की प्रतीक्षा करते हैं. शाम के समय जब सूर्यास्त होने लगता है तो छठ व्रती सूर्य देव को पहला अर्घ्य देते हैं। शाम जैसे ही सूर्य देव अस्त होने लगे व्रती अर्घ्य देने के साथ छठ घाट पर ही पूजा करने के साथ ही गीत बजाना के साथ घर को लौट गए।
रतसर प्रतिनिधि जुनेद अहमद के अनुसार सूर्योपासना के महापर्व छठ पर रविवार को महिलाओं ने श्रद्धा और तप का निराजल व्रत रखा। दोपहर बाद गाजे-बाजे के साथ तालाबों पर पहुंची,तो वहां जन सैलाब उमड़ पड़ा। सूर्य उपासना के लिए घंटो पानी में खड़ी रहीं और अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया। अपनी मनोकामनाओं को पूरी करने के लिए घाटों पर दीप दान किया। इस दौरान घाटों पर दिव्य छटा दिखी। छठी माता के पारंपरिक गीतों से पूरा माहौल गूंजता रहा। इस दौरान सरोवरों के तट जगमगा उठे। दोपहर बाद से छठ मैय्या के जय जयकारे से पूरा क्षेत्र गूंज रहा था। गाजे-बाजे के साथ छठ मैय्या की गीत गाती व्रती महिलाओं के आगे सिर पर दउड़ा लिए पुरुष समाज चल रहा था। कस्बा में मुख्य रूप से बीका भगत के पोखरा, बैजू बाबा के पोखरा,कन्या जी के पोखरा,चौबे जी के पोखरा आदि पर चार बजे के बाद से ही श्रद्धालुओं का रेला लग गया था। घाटों पर तिल रखने भर के लिए जगह नहीं बची थी। अपनी- अपनी वेदियों के सामने पूजन सामग्री रख व्रती महिलाएं सरोवर के पानी में पश्चिम मुख किए खड़ी थी,तो साथ के लोग घाट पर उमड़े हुए थे। अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने का समय आया,तो सभी के हाथ अर्घ्य देने के लिए आगे बढ़ते गए। व्रती महिलाओं के साथ परिवार के अन्य सदस्यों ने अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया। वेदियों पर पूजन-अर्चन के बाद दीप जलाए गए।विद्युत झालरों से सजे घाट दुधिया रोशनी से नहा उठे। इस दौरान घाटों पर भीड़ पर नजर रखने के लिए पुलिस के पुख्ता इंतजाम किए गए थे।