55 वीं पुण्य तिथि पुण्य पर याद किए गए प्रजापिता ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के संस्थापक ब्रह्मा बाबा

फारबिसगंज ।

प्रजापिता ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के संस्थापक ब्रह्मा बाबा (दादा लेखराज) की 55 वीं पुण्य तिथि स्मृति दिवस विश्व शांति दिवस के रूप में प्रजापिता ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय शाखा फारबिसगंज में केंद्र की संचालिका बी के रुक्मा दीदी के नेतृत्व में आध्यात्मिक रूप से मनाई गई।संचालिका दीदी ने बताया कि
इस ईश्वरीय विश्वविद्यालय की स्थापना परमात्मा के दिशा निर्देश से 1937 में तत्कालिन सिंध प्रांत के हैदराबाद में दादा लेखराज के माध्यम से किया गया ।
वर्तमान में यह संस्था विश्व के 140 देशों में फैली हुई है।
ब्रह्मा कुमारी फारबिसगंज राजयोग सेवाकेंद्र की मुख्य संचालिका बी के दीदी जी ने ब्रह्मा बाबा के जीवन कहानी का वर्णन किया तथा उनके समान बनने के लिए प्रेरणा देते हुए कहा कि जब बाबा संपूर्ण स्थिति को प्राप्त हो गए तब वो सन 1969 में अव्यक्त होने से पूर्व सबसे मिले और अंतिम महावाक्य निरकारी ,निर्विकारी और निरंकारी का उच्चारण किया और बिदाई लेते हुवे अव्यक्त हो गए।
अपने संबोधन में अजातशत्रु अग्रवाल ने कहा कि मानव की पहचान उसके नाम से नही वरन उसके कामों से होती है जिसे पूज्य बाबा ने साबित कर दिखाया जिस कारण ही आज पूरे विश्व के 140 देशों में आज भी यादगार बने हुए हैं। डॉ उमेशचंद्र मंडल ने अपने लौकिक और पारलौकिक पिता को याद करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की। शांति मैडम ने बाबा के अव्यक्त पालना के कई अनुभव अपनी गीतिका के जरिए सुनाया।
अव्यक्त स्मृति दिवस कार्यक्रम में उपस्थित भाईयो के और से
मदन मोहन कनोजिया, राजू भगत ,अशोकडाबरीवाला ,संजय बोथरा , दुलाल घोष , पिंटू भाई, विकाश भाई , आदित्य भाई , अशोक मेहता, अनमोल भाई, रामप्रकाश भाई, सूर्यनारायण भाई, सिंपल सर, राधानंद भाई
बहनों की ओर से बी के सीता दीदी, संतोषी दीदी, मनीषा दीदी, रीता बहन, सोहम बहन, अनीता दीदी , रानी दीदी, मंजू दीदी, ललिता दीदी, शांति दीदी, मृदुला दीदी, शिश बहन, काजल बहन , गंगा दीदी, रेखा दीदी, फूलकुमारी दीदी , प्रेमा दीदी सहित दर्जनों भाई बहन उपस्थित होकर अपने पूज्य को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए भोग स्वीकार कराया।