समाज जागरण अतुल सोनी
चोलापुर, 12 दिसंबर: नवजात मृत्यु दर को कम करने के उद्देश्य से गुरुवार को सीएचसी चोलापुर में दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू हुआ। संकल्प पहल के तहत आयोजित इस कार्यक्रम में “सुनहरे मिनट” – जन्म के बाद के पहले 60 सेकंड – के भीतर नवजात जीवन समर्थन और वायु प्रबंधन पर जोर दिया गया।
नवजात मृत्यु दर के चार प्रमुख कारण – जन्म घुटन (बर्थ एस्फिक्सिया), कम जन्म वजन, समय पूर्व जन्म, और जन्मजात विकृतियाँ – में सबसे आम जन्म घुटन को इस प्रशिक्षण का केंद्र बिंदु बनाया गया है। यह कार्यक्रम डॉक्टरों, स्टाफ नर्सों और एएनएम को आपात स्थितियों से निपटने के लिए आवश्यक कौशल प्रदान करने पर केंद्रित है।
प्रशिक्षण का नेतृत्व डॉ. अजिंक्य काले (एमबीबीएस, एमडी पीडियाट्रिक्स) तथा डॉ आकांक्षा (पीडियाट्रिक्स, सीएचसी चोलापुर) कर रहे हैं। उनके साथ डॉ. आर.बी. यादव (मेडिकल सुपरिंटेंडेंट, सीएचसी चोलापुर), डॉ. प्रमोद सिंह (सीईएल), डॉ. रुपक मुखोपाध्याय (सीईएल), श्री विवेक सिंह (सीईएल), और सुश्री कैरन ड्रेटन (अंतरराष्ट्रीय मिडवाइफरी प्रशिक्षक, सीईएल) मुख्य भागीदार के रूप में जुड़े हैं।
डॉ. काले ने कहा, “सुनहरा मिनट नवजात की जीवन रक्षा में अत्यधिक महत्वपूर्ण है। जन्म घुटन जैसे मामलों में त्वरित और सटीक कार्रवाई से घातक परिणामों को रोका जा सकता है।”
यह प्रशिक्षण, जो 13 दिसंबर तक चलेगा, कम्युनिटी एंपावरमेंट लैब (सीईएल), जिला स्वास्थ्य प्रणाली और सीएचसी चोलापुर के सहयोग से आयोजित किया गया है। यह क्षेत्र में स्वास्थ्य क्षमता को मजबूत करने और नवजात मृत्यु दर को एकल अंक तक लाने के व्यापक प्रयास का हिस्सा है।