पालीगंज में भाकपा माले ने किया श्रद्धांजलि सभा का आयोजन

माले कर रही है अपनी ही शहीद के साथ सौतेला ब्यवहार

समाज जागरण संवाददाता:- वेद प्रकाश

पालीगंज/ प्रखण्ड सह अनुमंडल क्षेत्र के बुद्ध बिगहा गांव में बुधवार को भाकपा माले की ओर से श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। वही भाकपा माले पार्टी के लिए शहीद हुए कॉमरेड के साथ माले सौतेला ब्यवहार कर रही है।
जानकारी के अनुसार पालीगंज अनुमंडल सह प्रखण्ड क्षेत्र के बुद्ध बिगहा गांव में कामरेड सजीवन यादव की याद में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता भाकपा माले राज्य कमिटी सदस्य सह पालीगंज प्रखंड सचिव कामरेड सुरेन्द्र पासवान ने किया। सभा के दौरान सजीवन यादव की याद में दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलिज दी गई। उसके बाद सभी नेताओ, कार्यकर्ताओ व परिवार के सदस्यों ने सजीवन यादव की तस्वीर पर पुष्पांजलि अर्पित की। मौके पर सजीवन यादव की पत्नी को पालीगंज विधायक संदीप सौरभ ने अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया। श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करते हुए भाकपा माले के पोलित ब्युरो सदस्य सह जिला सचिव कामरेड अमर ने कहा कि कामरेड सजीवन यादव पालीगंज मे भाकपा माले आंदोलन के पहली पंक्ति के कार्यकर्ता थे जिन्होंने सामंतवाद के खिलाफ इलाके में जुझारू संघर्ष चलाया वे अखिल भारतीय किसान महासभा के पालीगंज प्रखंड के सचिव व माले के प्रखंड कमेटी के सदस्य थे। तमाम उतार चढ़ाव और सामंती दबदबा के बावजूद अधिकृत रूप से पार्टी के एक योद्धा के रूप में कार्य करते रहे। कामरेड सजीवन लंबी बीमारी से जूझ रहे थे। जिन्होंने 5 सितंबर 2024 को अंतिम सांस अपने पैतृक गांव में ली। मौके पर भाकपा माले नेता व कार्यकर्ता कामरेड सत्यनारायण प्रसाद, मंगल यादव, सुन्दर प्रसाद, कामरेड कृपा नारायण सिंह, पालीगंज विधायक संदीप सौरभ कमलेश कुमार, मोहन, विद्यानंद बिहारी, अमर सेन दास, श्री कान्त दास, बिनेश चौधरी, आनन्दी पासवान, उमेश मांझी व राजेश कुमार सहित सैकड़ों लोग उपस्थित रहे।
वही माले की नीतियों के बारे में पत्रकार वेद प्रकाश ने कहा कि माले की नीति बहुत अच्छी है। लेकिन कुछ चंद कार्यकर्ताओ की गलत नीतियों के कारण यह अब दल से दलदल बनती जा रही है। उन्होंने बताया कि जब पालीगंज में साम्प्रदायिक ताकत सिर चढ़कर बोल रही थी तो उस समय पालीगंज दक्षिणी इलाके के जानेमाने तथा प्रसिद्ध हस्तियों में से एक खिरिमोड थाना क्षेत्र के निरखपुर गांव निवासी लक्ष्मण सिंह के इकलौता पुत्र मनोरंजन प्रसाद सिंह उर्फ त्रियोगी नारायण सिंह ने माले पार्टी की सदस्यता लिए। उसके बाद उन्होंने माले पार्टी को बुलंद करने के लिए निरखपुर, मेरा, महेशपुर, महुआरी व सिद्धिपूर सहित कई गांव के बहुत से दलितों व गरीबो को गोलबंद किया। उन दलितों व गरीबो को आश्रय दिलाने के लिए मुकदमे भी लड़े। साम्प्रदायिक ताकतों को मात देने के लिए दर्जनों मुकदमे लड़े। पार्टी को मजबूत करने के लिए बहुत से कारनामे किये। बाद में उन्होंने क्षेत्र के विकास की ओर कदम बढ़ाया तथा दक्षिणी इलाके के दर्जनों गांवों में बिजली का जल बिछवाये। कुछ पुलिये व छिलका का निर्माण कराया। आजीवन उन्होंने माले पार्टी को समर्पित रहे। जब 1995 में माले पार्टी विधानसभा के चुनाव में माले पार्टी ने नन्द कुमार नन्दा को प्रत्यासी बनाया। तो उन्होंने उन्हें जीत दिलाने के लिए दिन रात एक कर दिया। उसी क्रम में 15 मार्च 1995 की देर शाम होलिका दहन के एक दिन पूर्व खिरिमोड से पैदल व अकेले घर लौटते समय वे राजनीति रंजिश के शिकार हो गए। जिन्हें अकेला पाकर गांव से बाहर सुनसान जगह पर अपराधियो सह असमाजिक लोगो ने उन्हें गोली मारकर हत्या कर दिया। घटना के आक्रोश में इलाके के अधिकांश घरों में चूल्हे नही जलाई गई थी। कई गांवों में होलि नही मनाई गई थी। इस प्रकार महान क्रांतिकारी, सामाजिक योद्धा सह माले कार्यकर्ता नानोरंजन प्रसाद सिंह का अंत हो गया। त्रियोगी नारायण सिंह के पुत्र व परिजन बाद में भी पार्टी से जुड़े रहे पार्टी कार्यालय पालीगंज जाते रहे। लेकिन अपने प्रति पार्टी कार्यकर्ताओं की उदासीनता को देख आना जाना बंद कर दिया। इसके बावजूद माले पार्टी आजतक उन शहीद कार्यकर्ताओ में से एक स्व. मनोरंजन प्रसाद सिंह उर्फ त्रियोगी नारायण सिंह को याद नही किया। जिसे देख ऐसा प्रतीत होता है कि माले अपने ही कार्यकर्ताओ तथा शहीदों के साथ सौतेला ब्यवहार कर रही है।

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