दरबार फुलसंदा में धूम-धाम से मनाया गया रक्षाबंधन पर्व*

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शमीम अहमद सिद्दीकी दैनिक समाज जागरण बिजनौर-एक तू सच्चा तेरा नाम सच्चा के नाम से विख्यात दरबार फुलसंदा में रक्षाबंधन का पर्व धूमधाम से मनाया गया। वही बाबा ने रक्षाबंधन पर्व के बारे में बताया कि ये त्योहार लगभग मुगलकाल के समय से भाई और बहन के त्यौहार मे प्रशिद्ध हो गया है, किन्तु वैदिक काल से ये पर्व श्रावण मास की पूर्णिमा गुरु और शिष्य की प्रतिबद्धता को दर्शाता हैं। एक विद्यार्थी गुरु के आश्रम में 25 वर्ष के लिए जाता हैं। तो गुरु उसे विश्वास दिलाने के लिए एक रस्म करते थे उसके हाथ में एक रक्षा सूत्र बांधते थे। पुत्र जैसे तुम्हारी माता ने तुम्हें 9 महीने गर्भ मे सुरक्षित रखा हैं ऐसे ही 25 बर्षों तक तुम गुरु के गर्भ मे गुरु के आभामंडल मे सुरक्षित रहोगें। गुरु तीनों लोकों में हमारा हित करने वाले होते हैं। तुम गुरु को अपनी माता समझना, पिता समझना, ईश्वर का रूप समझना, ऐसा भाव रखते हुए जब तुम गुरु के प्रति श्रदधा्वान रहोगें तो सारी विधयाए तुमको प्राप्त हो जाएगी। ऐसा कहके गुरु शिष्य को रक्षा-सूत्र बांधते थे। पुत्र तुम्हारा धर्म आचरण तुम्हारी रक्षा करेगा और बाद में शिष्य गुरु के हाथ में सूत्र बांधता था मैंने आपके सभी बचनों को स्वीकार कर लिया है। मैं प्रतिज्ञा करता हूँ जैसा आपने कहा है मैं वैसा ही करूगा ये हमारा त्योहार होता था। वैदिक काल से अंत तक। अब ये परंपरा थोड़ी परिवर्तित हो गई हैं।लेकिन हमें गुरु और शिष्य के रूप में ही इस त्यौहार को मनाना चाहिए। इस अवसर पर धनपति देवता, राहुल देवता, ब्रहम्दत शर्मा, शर्मदा शर्मा, अनिता शर्मा, रिंकी शर्मा, शिखा शर्मा, सचिन शर्मा, धनकुबेर आदि मौजूद रहे