ठेकेदार बनाम माफिया का साझेदार बना विभाग

नदी से पोकलेन से हो रहा उत्खनन
समाज जागरण
जितेंद्र शर्मा
शहडोल जिले में रेत खदान की आड़ में ठेकेदार बनाम खनन माफिया मनमाने तरीके से रेत का उत्खनन कर रहा है। रेत निकालने के लिए पॉकलेन मशीनों का उपयोग भी किया जा रहा है। नदी के अंदर काफी गहराई से भी रेत निकाला जा रहा है। इससे नदी को भी नुकसान पहुंच रहा है। साथ ही नदी में रहने वाले जलीय जीवों को इससे सबसे ज्यादा नुकसान है।
सोन नदी में जल भराव वाले स्थान पर जो ठेके में दिये गये भू-खण्ड से भी बाहर है, उस स्थान पर सहकार ग्लोबल नामक ठेका कंपनी के द्वारा पोकलेन लगाकर रेत निकाली जा रही है। जबकि कड़वा सच यह है कि विभाग के जिम्मेदारों ने ठेकेदार का साझेदार बनकर किसी भी खदान की सीमा रेखा तक चिन्हित नहीं करवाई है।
20 मीटर गहराई से
खींच रहे रेत
नियम के मुताबिक नदी के बाहर जमा हुए रेत को खदान के तौर पर ठेके पर दिया जाता है, लेकिन जिले में संचालित खदानों में सीधे नदी से ही रेत निकाला जा रहा है। ऐसे में पॉकलेन मशीन की मदद से पहले रेत को किनारे पर इका किया जाता है फिर ट्रक और डंपरों में भरकर बाहर भेजा जाता है। इनमें कई जगह नदी से पॉकलेन मशीन भी रेत नहीं निकाल पाती है तो ठेकेदार बनाम माफिया नदी की गहराई से रेत निकालने के लिए पनडुब्बी का इस्तेमाल कर रहे हैं। पनडुब्बी के माध्यम से पाइपों से नदी के अंदर करीब 20 मीटर गहराई तक से रेत निकाला जाता है। इस रेत को भी नदी किनारे इका किया जाता है और फिर इन्हें पॉकलेन और जेसीबी की मदद से ट्रक और हाईवा में भरा जाता है।
विभाग-ठेकेदार का गठजोड़
पोकलेन के इस पूरे खेल में प्रभारी खनिज अधिकारी ने ठेकेदार को खुली छूट दे रखी है, ठेकेदार द्वारा तय सीमा और तय मापदण्ड हटकर उत्खनन किया है, लेकिन विभाग के जिम्मेदारों को यह नजर नहीं आ रहा है। शहडोल जिले की रेत खदानों का अगर भौतिक सत्यापन करवाया जाये तो, ठेकेदार और खनिज विभाग के जिम्मेदारों का गठजोड़ सामने आ सकता है। सूत्र बताते हैं कि सहकार ग्लोबल की कर्मचारियों द्वारा दबंगई के साथ रेप का उत्खनन कराया जाता है जिसमें एनजीटी के नियमों की धज्जियां उड़ाई जाती हैं। शहडोल जिले में कंपनी की कमान विपुल ,चैतन्य एवं अन्य कर्मचारी को सौंप गई है जिनके द्वारा पूर्व में अनेकों बार मारपीट की स्थिति की उत्पन्न की गई है। ऐसी भी जन चर्चा है कि इनके द्वारा कहा जाता है कि खनिज विभाग हमारी जेब में है और हम जैसा चाहेंगे और जिधर चाहेंगे रेत का उत्खनन करेंगे। बुढार, जैसी नगर एवं व्यवहारी ब्लॉक के अंतर्गत आने वाली रेत खदानों में कार्यरत कर्मचारियों का रिकॉर्ड अपराधिक है या नहीं इसकी भी जांच नहीं की जाती है और सभी कर्मचारियों का रिकॉर्ड संबंधित क्षेत्र के थाना में होना चाहिए लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है और सब कुछ मनमानी ढंग से चल रहा है।

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