लाखों रुपये खर्च के बाद भी आरआरसी का नहीं हो रहा संचालन

समाज जागरण अनिल कुमार
हरहुआ वाराणसी।विकास खण्ड चिरईगांव के गांवों में लाखों रुपये खर्च कर एसएलडब्ल्यूएम (सालिड,लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट) के तहत आरआरसी केन्द्र का निर्माण कराया गया है।लेकिन अभी संचालन शुरू नहीं हो पाया है। टोटो खरीदी के बाद घर -घर कूड़ा न उठान हो रही और न ही कूड़ा,प्लास्टिक, गीला,लोहा,शीशा की छटाई हो रही है।
जानकारी के अनुसार हर गांव में सूखा,गिला,प्लास्टिक कचरा अलग- अलग रखने के लिए कहीं गांव के बाहर तो कहीं गांव में ही आरआरसी केन्द्र का निर्माण कराया गया है।संचालन शुरू होने से पहले ही आरआरसी सेण्टर की दीवार हिलने,टिन उड़ने,गेट टूटने लगी तो वहीं निर्माण ही अधूरा पड़ा है।कई ऐसे जगह बने हैं।जहां जाने का रास्ता ही नहीं है।आरआरसी में कहीं उपला(गोहरा) रखा है तो कहीं खाना बन रहा है। चोर अपने छिपने और नशा करने का अड्डा बन गया है।
इस बाबत सहायक विकास अधिकारी पंचायत चिरईगांव कमलेश कुमार से पूछने पर बताया कि विकास खण्ड के लगभग सभी 76 ग्रामपंचायतों में आरआरसी का निर्माण कराया गया है।जिसमें से ऊकथी ,मोकलपुर,गोबरहां,सिंहवार, मिश्रपुरा,चांदपुर, मुस्तफाबाद सहित 12 ग्राम पंचायतों में आरआरसी का संचालन हो रहा है।जब उनसे पूछा गया कि तोफापुर आरआरसी में गोहरा भरा है।धोबहीं,बीकापुर,खेतलपुर में पूरी धनराशि खर्च करने के बाद भी एक वर्ष से अधूरा पड़ा है।पनिहरी,नेवादा, रमगढ़वां, नरायनपुर, सोनबरसा जर्जर हो गया है।कुकुढ़ा में खाना बन रहा है।तो बोले कि निरीक्षण कर रहे हैं।देखकर सचिव को नोटिस जारी करेगें।
जबकि सीडीओ ने ‘एसएलडब्ल्यूएम’ के तहत खर्चे से बने स्थलों के निरीक्षण और बीडीओ, एडीओ पंचायत,ग्रामप्रधान और सेकेट्री को नियमित मॉनिटरिंग कर शत प्रतिशत ग्राम पंचायतों में नियमित कूड़ा उठान, टोटो संचालन,छटाई के कार्य की जिम्मेदारी देते हुए यह निर्देश दिया है कि जाँच में कहीं लापरवाही मिली तो ब्लाक स्तर के अधिकारियों ,कर्मचारियों को दोषी मानते हुए सीधी कार्यवाही की जाएगी। यदि निर्माण कार्य गुणवत्तापूर्ण नहीं हुई होगी तो भी कार्यवाही की जाएगी।

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