समाज जागरण दैनिक
विश्व नाथ त्रिपाठी
विकसित कृषि संकल्प अभियान” के अंतर्गत मांधाता ब्लॉक के परवतपुर ग्राम में विकसित कृषि संकल्प सभा का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में माननीय विधायक विश्वनाथगंज, श्री जीत लाल पटेल जी उपस्थित रहे। उन्होंने अपने सारगर्भित उद्बोधन में कहा कि यह अभियान ग्रामों के समग्र विकास की दिशा में एक दूरदर्शी पहल है।
उन्होंने कहा कि > “आपके खेतों में कृषि वैज्ञानिक, अधिकारी एवं कर्मचारी पहुंचकर आपको जागरूक कर रहे हैं। यह केवल योजना नहीं, बल्कि जनभागीदारी से जनविकास की प्रक्रिया है।”
श्री पटेल ने निम्न बिंदुओं पर विशेष बल दिया:
परंपरागत विधि से धान की खेती को संरक्षित एवं प्रोत्साहित किया जाना चाहिए, जिससे भूमि की उर्वरता बनी रहे।
कृषि का विविधीकरण (Diversification) समय की मांग है — इससे किसानों की आय में वृद्धि संभव है।
प्रतापगढ़ को आलू बीज उत्पादन का स्थानीय हब बनाया जाए और इसके लिए वैज्ञानिक तकनीकी सहायता उपलब्ध कराई जाए।
सब्जियों की खेती में आधुनिक तकनीकों जैसे ड्रिप इरिगेशन, पॉलीहाउस एवं जैविक खेती को अपनाने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि NDA सरकार का उद्देश्य है — ‘विकसित कृषक से विकसित ग्राम, विकसित ग्राम से विकसित प्रदेश और अंततः विकसित भारत।
कार्यक्रम में प्रदेश मुख्यालय से नामित नोडल अधिकारी एवं उप कृषि निदेशक (बीज एवं प्रक्षेत्र) श्री के.के. अग्निहोत्री ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना और रसायनों के समुचित उपयोग के विषय में जानकारी दी।
उप कृषि निदेशक प्रतापगढ़ ने कृषि विभाग की सभी योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी।
जिला कृषि अधिकारी प्रतापगढ़ ने बीज, उन्नत तकनीक और खाद की उपलब्धता के बारे में मार्गदर्शन किया।
वहीं कृषि विज्ञान केंद्र कालाकांकर के वैज्ञानिक श्री नवीन कुमार सिंह ने धान की उन्नत खेती एवं फसल विविधीकरण के माध्यम से कृषकों की आय बढ़ाने पर विस्तृत वक्तव्य दिया।
इस अवसर पर भाजपा किसान मोर्चा के जिला अध्यक्ष श्री विजय मिश्रा, मांधाता मंडल अध्यक्ष श्री संजय मिश्रा, एवं प्रधान संघ अध्यक्ष श्री राजेंद्र प्रताप सिंह ने भी कृषकों से संवाद किया और कृषि संबंधी समस्याओं व उनके समाधान पर वैज्ञानिकों और अधिकारियों से विस्तृत चर्चा की।
कार्यक्रम की खास बात यह रही कि क्षेत्र के प्रगतिशील कृषकों—श्री मार्कण्डेय, श्री नंदलाल सरोज, एवं श्री कमलेश ने अपने खेतों के अनुभव साझा किए। उन्होंने बताया कि कैसे वैज्ञानिक विधियों और सरकारी योजनाओं से उन्हें उत्पादन बढ़ाने और लागत घटाने में मदद मिली।
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में ग्रामीण कृषकों, युवाओं, महिलाओं एवं कृषि प्रेमियों ने भाग लिया। यह आयोजन विकसित भारत के निर्माण में किसानों की सक्रिय भूमिका सुनिश्चित करने की दिशा में एक प्रभावशाली कदम सिद्ध हुआ।