सब्जी अनुसंधान संस्थान के निदेशक ने की किसानों वार्तालाप

समाज जागरण रंजीत तिवारी
वाराणसी।।
विकसित कृषि संकल्प अभियान 2025 के तहत भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉक्टर राजेश राय आराजी लाइन के पनियरा गांव में किसान के खेत पर पहुंचे। उन्होंने किसान के खेत में जाकर फसलों को देखा। खेत की मेड़ पर बैठकर किसानों से वार्तालाप किया। निदेशक ने सब्जी की खेती को नगद आमदनी और कुपोषण मुक्ति का का माध्यम बताया। मालूम हो कि फॉर्मर फर्स्ट परियोजना के तहत पनियरा गांव में लोबिया की प्रजाति काशी निधि को लगाया गया है। यहां पर किस के खेत में लोबिया की खेती मेड पर और बिना मेड़ के छिड़काव विधि से की गई है। दोनों तरह से की गई बुवाई का फर्क किसानों को दिखाई और बताया गया। किसानों ने खुद माना कि जो फसल छिड़काव विधि से लगाई गई थी उसमें उत्पादन कम आया जबकि मेड़ पर लगाए गए पौधों में अधिक उत्पादन आया। किस तरीके से लगाई गई फसल में उपज भी अच्छी हुई और फली भी अच्छी लगी।
प्रदर्शन के लाभ को समझाते हुए सब्जी अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉक्टर राजेश कुमार ने कहा कि वैज्ञानिक कृषि संकल्प योजना के तहत किसानों के खेत पर जा रहे हैं। जहां पर वे लोगों की समस्याओं का निदान करेंगे।वैज्ञानिक और किसानों के बीच में यह संबंध सब्जियों के अधिक उत्पादन के लिए लगातार जारी रहेगा।
इस दौरान संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक डॉक्टर एस के सिंह,डॉक्टर नीरज सिंह ने भी किसानों से वार्तालाप कर उनकी समस्याओं का समाधान किया।इस मौके पर गांव और क्षेत्र के सब्जी उत्पादक किसान भारी संख्या में उपस्थित रहे।

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