*गुप्ता जी की दुकान में बिकता है 500₹ का ई स्टांप 600₹ में।
बुढार (शहडोल जिला) – तहसील कार्यालय से चंद कदमों की दूरी पर और न्यायालय परिसर के ठीक सामने एक नया घोटाला तेजी से तूल पकड़ रहा है। ई-स्टांप पेपर की अवैध बिक्री का जिसे लेकर जनता में आक्रोश है। प्राप्त जानकारी के अनुसार 500 ₹ मूल्य का ई-स्टांप पेपर बुढार की एक दुकान पर 600 ₹ में खुलेआम बेचा जा रहा है और यह काम हो रहा है एडीजी कोर्ट बुढ़ार के ठीक सामने!
और इस अवैध वसूली का प्रमुख केंद्र बना हुआ है ‘गुप्ता जी की दुकान’, जहाँ स्टांप खरीदने वाले उपभोक्ताओं को गुप्ता जी की मनमानी वसूली वाले सागर में डुबकी लगानी पड़ती हैं। जहां ई स्टांप पर 100 ₹ की अतिरिक्त वसूली की जा रही है जबकि ई-स्टांप पेपर पर सरकार खुद ही सर्विस प्रोवाइडर्स को ठीक-ठीक कमीशन देती है इसलिए ई-स्टांप के मूल्य से ज्यादा एक भी पैसा अतिरिक्त लिया जाना पूरी तरह गैरकानूनी है।
प्रशासन की नजर में आया मामला, अब जांच की मांग हुई तेज
मामला सोशल मीडिया और स्थानीय जनता के माध्यम से प्रशासन तक पहुँच चुका है। SDM और तहसीलदार कार्यालय ने मामले को संज्ञान में लिया है, और अब इसे गंभीर अनियमितता मानते हुए जांच का विषय बना दिया गया है। सूत्रों के अनुसार जल्द ही संबंधित दुकान और उसके लाइसेंस की वैधता की भी समीक्षा की जाएगी।
जनता बोली – खुलेआम लूट हो रही है, कार्रवाई हो
स्थानीय निवासी राजेश वर्मा कहते हैं कि, “सरकार डिजिटल इंडिया और पारदर्शिता की बात करती है, लेकिन यहाँ एडीजे कोर्ट के ठीक सामने ही लूट मची हुई है। ये तो सीधा उपभोक्ताओं से ठगी है।”
एक अन्य महिला उपभोक्ता ने भी बताया, “हम गरीब लोग जब कोर्ट का काम कराने आते हैं, तो हमेशा ही हमें ई स्टांप पेपर पर ठगा जाता है। प्रशासन को सख्ती से कार्रवाई करनी चाहिए।”
अब सवाल ये उठता है कि क्या दोषियों पर कार्रवाई होगी या फिर मामला दबा दिया जाएगा और ये मनमानी अवैध वसूली का क्रम ऐसे ही चलता रहेगा चूंकि जिला पंजीयक अधिकारी का कार्यालय जिला मुख्यालय में है जिससे ई-स्टांप के घोटाले बाजो को यहां और भी छूट मिली हुई हैं।
जनता की निगाहें अब प्रशासनिक अमले पर टिकी हैं। यदि जांच निष्पक्ष होती है, तो यह एक मिसाल बन सकती है। वहीं यदि दोषियों पर कोई कार्रवाई नहीं होती है तो यह पूरे तंत्र पर सवालिया निशान खड़ा करेगा।