आदिवासी सम्मेलन में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को किया गया याद, समाज के उत्थान पर की गई चर्चा

संवाददाता/ आनन्द कुमार।
दैनिक समाज जागरण

दुद्धी/ सोनभद्र। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के शहादत दिवस के मौके पर बृहस्पतिवार को दुद्धी तहसील क्षेत्र के नगवां गांव में आयोजित मेले एवं आदिवासी सम्मेलन का शुभारंभ मुख्य अतिथि श्रवण सिंह गोंड ने किया। उन्होंने कहा कि गुमनाम सुराजियों को पहचान दिलाने के तमाम प्रयास किये जा रहे है। इसके पूर्व आदिवासी बाहुल्य गांव में बीते वर्ष स्थापित राष्ट्रपिता व गुमनाम सुराजियों की याद में लगाये गये स्तंभ की मुख्य अतिथि ने श्रवण सिंह गोंड ने कहा कि आदिवासी समाज को आगे बढ़ाने में किसी भी हाल में पीछे नही रहेंगे। कनहर विस्थापित परिवार पर हुए मुकदमे, लाभार्थियों की सूची में नाम की बढ़ोतरी सूचीबद्ध कराएंगे। विस्थापित परिवार की हर समस्या को कमेटी के साथ मुख्यमंत्री से मिलकर कार्य कराएंगे। विशिष्ट अतिथि संजय सिंह गोंड ध्रुवे ने कहा कि गुमनामी चार सुराजियो के मूर्ति स्थापित कराएंगे। पांच गरीब आदिवासी बच्चों की शिक्षा दीक्षा की जिम्मेदारी हमारी होगी। ब्लॉक प्रमुख म्योरपुर मानसिंह गोंड समेत अन्य अतिथियों के साथ बकायदे पूजन कर श्रद्धासुमन अर्पित किया। बीते कई दशकों से गुमनाम स्वतन्त्रता संग्राम सेनानीयों को इतिहास के पन्नो में दर्ज करवाने के लिए ग्राम स्वराज समिति के संयोजक महेशानन्द भाई की अगुवाई में करीब दो दशक से यहां मेला के साथ ही आदिवासी महासम्मेलन का आयोजन कर शासन प्रशासन से प्रतिवर्ष दिवंगत हो चुके आदिवासी सुराजियों को न्याय दिलाने के लिए संघर्षरत है। समारोह के आयोजक महेशानन्द भाई ने आदिवासियों से अपने बच्चो को शिक्षित करने की अपील करते हुए स्मारह में आये सभी अतिथियों के प्रति आभार जताया। इसके पूर्व मंच से गुमनाम सुराजियों के वर्तमान पीढ़ी एवं ग्राम स्वराज अभियान में लगे लोगों को अंग वस्त्रम देकर सम्मानित किया गया। आदिवासी महोत्सव के दौरान आयोजित मेले का ग्रामीणों ने खूब लुत्फ लिया। कार्यक्रम के समापन के दौरान गांधी जी के प्रतिमा के समीप दिप जलाया। कुम्भ में मृतकों के लिए दो मिनट का मौन रखकर मृतक आत्मा के शांति के लिए अपील किया। इस मौके पर भाजपा मंडल अध्यक्ष दीपक शाह, रामेश्वर रॉय, रामविचार गौतम, प्रेम नारायण सिंह मोनू, डा गौरव सिंह, बर्फी लाल, गम्भीरा प्रसाद आदि लोग उपस्थित रहे।

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