धोखाधड़ी : 18 साल पहले मर चुका युवक मिला जिंदा, 56 लाख के लिए की थी हत्या

आगरा। ऐसे में उसकी फर्जी मौत की कहानी रची गई। सभी ने मिलकर तय किया कि अनिल की फर्जी मौत दिखाकर बीमा की राशि ले लेंगे। इसके लिए उन्होंने अनिल की जगह किसी और को मरा हुआ दिखाना था। उन्होंने आगरा के रकाबगंज से मानसिक रूप से बीमार युवक का किडनैप किया। फिर उसकी हत्या कर दी। आपको बता दें नोएडा में रहने वाले एक बिजनेसमैन ने बीमा रकम के लिए खुद की झूठी मौत का प्लान बनाया। 18 साल पहले आगरा के एक विक्षिप्त युवक को कार में जलाकर मार डाला था। लाश के पास अपने कपड़े और आईडी कार्ड डाल दिया। फिर गुजरात के अहमदाबाद में छिपकर जाकर रहने लगा। घटना का एक्सीडेंट का रूप देकर बीमा कंपनी से 58 लाख रुपए ले लिए। इनपुट में गुजरात पुलिस ने उसे पकड़ लिया, फिर यूपी पुलिस को सौंप दिया।

पुलिस ने बताया कि नोएडा के दनकौर भट्टा पारसौल निवासी विजय पाल सिंह का ट्रैवल्स का काम था। उनको कारोबार में नुकसान हुआ, इसकी भरपाई के लिए उसने अपने दोस्त रामवीर सिंह, अभय सिंह के साथ मिलकर एक प्लान बनाया। विजयपाल ने अपने बेटे अनिल सिंह की कई बीमा पॉलिसी कराई थी। लाश को अपने कपड़े पहना दिए हत्या करने के बाद उन्होंने युवक को अनिल के कपड़े पहना दिया। इसके बाद उसे अनिल की कार में ड्राइवर सीट पर बैठा कर आगरा किला के पास कार में पेट्रोल छिड़ककर आग लगा दी। आग में ड्राइवर सीट पर बैठा युवक बुरी तरह जल गया। इसके बाद शातिरों ने युवक को अनिल बताते हुए एक्सीडेंट में उसकी मौत होने की कहानी बनाई। इसके बाद उसका अंतिम संस्कार कर दिया।

गुजरात पुलिस को जनवरी में अनिल की हकीकत के बारे में पता चला। अनिल अहमदाबाद में राजकुमार बनकर रह रहा था। उसने वहां पर अपना फर्जी आधार और ड्राइविंग लाइसेंस समेत तमाम कागजात बनवा लिए थे। वो वहां पर टैक्सी चलाता था। उसका पिता विजयपाल गांव छोड़कर गजियाबाद के लोहिया नगर में रह रहा है। अपनी मौत की कहानी रचने के बाद वो अनिल कभी अपने गांव नहीं गया। वो कभी कभार अपने गाजियाबाद चला जाता था। इस केस में विजयपाल के साथी महीपाल की मौत हो गई है। शातिरों ने अनिल की मौत के फर्जी दस्तावेज तैयार कर अलग-अलग बीमा कंपनियों से 56 लाख रुपए का क्लेम ले लिया।

प्रमोद कुशवाह कि रिपोर्ट