अनूपपुर। ग्राम पंचायत सकोला में रोजगार सहायक रमेश कुमार विश्वकर्मा ने भ्रष्टाचार और अनियमितताओं की नई मिसाल कायम की है। गरीबों के हक पर डाका डालकर योजनाओं को केवल अपनी जेब भरने का जरिया बना लिया गया है। इस घोटाले के खिलाफ राजेश साहू ने जनपद पंचायत सीईओ के पास शिकायत दर्ज कराई है, लेकिन पंचायत विभाग की चुप्पी ने इस भ्रष्टाचार को और बढ़ावा दिया है।
रोजगार सहायक का दायित्वहीन रवैया:
रमेश कुमार विश्वकर्मा ने आवास योजना और मनरेगा जैसी सरकारी योजनाओं को ध्वस्त कर दिया है। एक ही समग्र आईडी पर दो आवास स्वीकृत कर एक का पैसा हड़प लेना, मेटों को योजनाओं का लाभ देकर गरीबों को वंचित करना, और तालाब निर्माण में साइन बोर्ड न लगाकर पारदर्शिता का मजाक उड़ाना, यह साबित करता है कि रोजगार सहायक को गरीबों की जरूरतों से कोई सरोकार नहीं है।
भ्रष्टाचार के नए तरीके:
रोजगार सहायक ने हाई स्कूल बाउंड्रीवाल के निर्माण में फर्जी बिलिंग कर सरकारी धन का गबन किया। योजनाओं के क्रियान्वयन में गुणवत्ता की अनदेखी और गरीबों को उनके अधिकारों से वंचित करना उसकी कार्यशैली बन गई है। यह व्यक्ति न केवल सरकारी धन का दुरुपयोग कर रहा है, बल्कि सरकारी व्यवस्था की छवि भी खराब कर रहा है।
पंचायत विभाग की शर्मनाक चुप्पी:
ग्रामीणों की बार-बार शिकायतों के बावजूद पंचायत विभाग की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई है। विभाग की यह निष्क्रियता यह संकेत देती है कि या तो वह इस भ्रष्टाचार में शामिल है या फिर अपनी जिम्मेदारियों से भाग रहा है। पंचायत विभाग की इस लापरवाही ने रोजगार सहायक जैसे भ्रष्ट लोगों को और साहस दिया है।
ग्रामीणों का आक्रोश और चेतावनी:
ग्रामवासियों का कहना है कि रोजगार सहायक रमेश कुमार विश्वकर्मा ने गरीबों के अधिकारों को कुचलने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। ग्रामीणों ने पंचायत विभाग को चेतावनी दी है कि यदि इस मामले में जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो वे बड़े आंदोलन के लिए तैयार हैं। ग्रामीणों का यह भी कहना है कि पंचायत विभाग की चुप्पी ने यह साबित कर दिया है कि वह भ्रष्टाचार का मूक समर्थक बन चुका है।
प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग:
ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि रोजगार सहायक और पंचायत विभाग की गहन जांच की जाए और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाए। अगर ऐसा नहीं हुआ, तो ग्रामीण इस मामले को राज्य स्तर तक ले जाने की तैयारी कर चुके हैं।