दैनिक समाज जागरण | यशवीर यादव
इन दिनों दर्शन देते ही सूर्यदेव अपने तेवर दिखाना शुरू कर देते हैं। दिन चढ़ते ही मानो आसमान से आग बरस रही हो। तन झुलसाती गर्मी के बीच चिलचिलाती धूप में सबसे ज्यादा दिक्कत स्कूली बच्चों को हो रही है। दोपहर में एक बजे से दो बजे के बीच छुट्टी होती है तो घर लौटते वक्त उनका चेहरा तेज धूप से लाल हो जाता है।
बुधवार को भी सुबह जैसे ही सूर्योदय हुआ, वैसे ही पारा ने चढ़ना शुरू कर दिया। गर्मी का आलम यह था कि सुबह 11 बजे ही पारे का स्तर 42 डिग्री के पास पहुंच गया। दोपहर एक बजे करीब 40 डिग्री पर पहुंच गया। दोपहर में जब विद्यालयों की छुट्टी हुई तो बच्चे घरों के लिए जाने को निकले तो कुछ ही देर में बेहाल हो गए। कुछ बच्चों ने हैंडपंप पर पानी पीने के बाद हाथ-मुंह धोये तो कुछ बच्चों ने आइसक्रीम का सहारा लिया। इस दौरान बच्चों के चेहरे तेज धूप से लाल हो गए थे। गर्मी से बेहाल बच्चे जब घर पहुंचे तो उन्हें कूलर और एसी से राहत मिली।
भीषण गर्मी को देखते हुए।
स्कूली बच्चों ने स्कूल से निकलकर छाता का सहारा लिया तो समझो छाता से होकर अलाव की किरणें निकलकर रही हो जैसे तैसे कमर तोड़ते हुए स्कूली छात्र घर पहुंचे।
