ट्रांसपोर्टरों और उद्यमियों से टैक्स ले रहे सर्वाधिक बदले में सुविधा दे रहे जीरो
- सुविधाएं नहीं होने से बरसात में ट्रांसपोर्टों का होता करोड़ का नुकसान
- मनमाने गृह कर और नामांतरण शुल्क को मरते दम तक स्वीकार नहीं करेंगे ट्रांसपोर्टर व्यवसाई
- गृह कर वृद्धि एवं नामांतरण शुल्क के विरोध में पूर्व पार्षद फोरम पहुंचा ट्रांसपोर्ट नगर
- बैंक नियमों के अनुरूप निरस्त न्यू ट्रांसपोर्ट नगर में जमा ट्रांसपोर्टर व्यापारियों का पैसा किया जाए दो तीन गुना वापस
सुनील बाजपेई
कानपुर। यहां नगर निगम द्वारा अधिनियम के विरुद्ध लगाए गए नामांतरण शुल्क एवं बेहताशा बढ़ाए गए गृह कर के विरोध में उद्यमियों ,व्यापारियों और ट्रांसपोर्टरों ने जोरदार मोर्चा खोल दिया है, और यह तब तक जारी रहेगा जब तक संबंधित मांगे पूरी नहीं कर दी जाएंगी।
इसके लिए संयोजक मदन लाल भाटिया के नेतृत्व में ट्रांसपोर्ट नगर पहुंचे पूर्व पार्षद फोरम के एक प्रतिनिधि मंडल ने नगर निगम द्वारा अधिनियम के विरुद्ध नामांतरण शुल्क एवं बेहताशा बढ़ाए गए गृह कर के विरोध में गुलशन गांधी, विमल कुमार शुक्ला (रामू) ,यू पी युवा ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के सरंक्षक श्याम शुक्ला को मांग पत्र/ ज्ञापन सौंपते हुए बताया कि इस तरह की मनमानी एवं जबरदस्ती सिर्फ कानपुर नगर निगम में की जा रही है ,जहां न सिर्फ गलत तरीके से गृह कर बढ़ाया जा रहा है, बल्कि विगत 2-3 वर्षों का बकाया दिखाकर वसूली भी की जा रही है , जबकि नगर निगम अधिनियम में स्पष्ट है कि जब भी पंचसाला में गृह कर के निर्धारण के लिए बाकायदा नोटिस देने उसकी सुनवाई का समय देने के साथ आपत्तियां भी मांगे जाने का भी नियम और प्रावधान है ,लेकिन वर्तमान समय में नगर निगम जबरन नागरिकों, व्यापारियों एवं उद्यमियों को परेशान करने के उद्देश्य से गलत तरीके अपना रहा है।
ट्रांसपोर्ट नगर के मुख्यालय गांधी रोड लाइंस
में हुई नियम विरुद्ध मनमाने तरीके से नगर निगम द्वारा की जा रही कर वसूली के खिलाफ इस महत्वपूर्ण बैठक के दौरान युवा ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के संरक्षक श्याम शुक्ला और लवी गांधी ने कहा कि सड़कों के संबंध में सबसे ज्यादा टैक्स ट्रांसपोर्ट व्यापारी देता है ,उसके बावजूद ट्रांसपोर्ट नगर में ना तो जल निकासी की समुचित व्यवस्था की जाती है ना ही सड़कों का रखरखाव अच्छा होता है ,जिसकी वजह से प्रत्येक बरसात में माल खराब होने से करोड़ों का नुकसान भी हो जाता है।
युवा ट्रांसपोर्टरों के नेता श्याम शुक्ला और लवी गांधी ने यह भी कहा कि ट्रांसपोर्टर व्यापारी एक सामान्य नागरिक से कई गुना ज्यादा करों (टैक्स) का भुगतान नगर निगम और जलकल विभाग को करते हैं ,उसके बावजूद सुविधा न के बराबर मिलती हैं। इसीलिए अब ऐसे में पिछले वर्षों से रिहायसी मकानों व कॉमर्शियल मकानों का गृहकर बढ़ाने का विरोध किया जाएगा।
वार्ता में विशेष आमंत्रित भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के प्रदेश वरिष्ठ महामंत्री ज्ञानेश मिश्र ने कहा कि गृह कर के दायरे में सबसे ज़्यादा व्यापारी व उद्यमी ही आता है। इसीलिए व्यापारियों को जागरूक कर इस नियम विरुद्ध वृद्धि के खिलाफ आंदोलन की रुपरेखा भी बनाई जायेगी।
बैठक में शामिल चर्चित उद्यमी ट्रांसपोर्टर प्रवीण जैन ने कहा कि विगत कई दशकों से की जा रही एक नए विकसित ट्रांसपोर्ट नगर की मांग आजतक पूरा करना तो दूर निरस्त कर दिए जाने के बाद भी न्यू ट्रांसपोर्ट नगर योजना पनकी के नाम पर जमा कराई गई धन राशि भी अधिकांश ट्रांसपोर्टर व्यापारियों को आज तक वापस नहीं की गई।
उद्यमी व्यवसाई प्रवीण जैन ने यह भी कहा कि जमा करने पर एक अवधि विशेष पर जिस तरह से बैंकों में पैसा दूना हो जाता है। अगर न्यू ट्रांसपोर्ट नगर पनकी में पैसा 15 साल पहले जमा किया गया था तो फिर उस हिसाब से 45 हजार रुपए जमा करने वाले को 1लाख 80 हजार वापस करना चाहिए।
वहीं पूर्व पार्षद फोरम के संयोजक मदन लाल भटिया ने बताया कि अगले चरण में नागरिक समितियां से संपर्क करने के साथ अपार्टमेंट में रहने वाले प्रेसिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन के लोगों से भी मुलाकात की जायेगी।
बैठक में यह भी तय हुआ कि गलत नामांतरण शुल्क एवं बढ़ाए गए गृह कर तथा जबरन बकाया दिखाकर की जा रही वसूली का डटकर विरोध के लिए पूर्व पार्षद फोरम के साथ कंधे से कंधा मिलाकर इस लड़ाई को समाधान ना हो जाने तक लड़ा भी जायेगा।
बैठक में ट्रांसपोर्ट व्यसाईयों की तरफ से ट्रांसपोर्ट एसो के सरक्षक रामू शुक्ला व गुलशन गांधी,प्रवीन जैन, श्याम गर्ग, यतीश सिंह, लवी गांधी, सौरभ सक्सेना,पदमाकर पांडे,संतोष शुक्ला, मयंक अग्रवाल, अजय गुप्ता, राकेश जैन, राकेश कपूर, गयाप्रसाद गुप्ता, अखिलेश शुक्ला, सफीक अहमद, सुभाष अग्रवाल, मंगल सिंह, आनंद अग्रवाल, गुलशन छावड़ा, रोहन गांधी, लकी गांधी, सरभजीत सिंह, राजेश द्विवेदी, अशोक भाटिया, राजकुमार गोयल, चन्दर भाटिया आदि लोग शामिल हुए।
इस मौके पर समर्थन पत्र एवं ज्ञापन देने वालों में संयोजक मदनलाल भाटिया के अलावा अशोक केसरवानी, नीरज दीक्षित, संजीव मिश्रा, प्रताप कुमार, टावर खान, डॉक्टर मकसूद अख्तर, मोहम्मद अमीन बाबा और अफजाल अहमद आदि पूर्व पार्षद भी प्रमुख रूप से मौजूद रहे।