समाज जागरण
महाकुंभ को लेकर जहाँ एक तरफ तैयारी जोरो पर है वही दूसरी तरफ एक बहस भी छिड़ी हुई है कि भारत तो अतिथि देवों भव: मे विश्वास रखता है तो एक खास समुदाय को रोकने की बात क्यो की जा रही है। जबकि विदेशी लोग यहाँ करोड़ो की संख्या मे आते है। सबसे पहली बात कुंभ को पिकनिक मनाने की जगह नही है बल्कि सनातन मे विश्वास रखने वालों के लिए आस्था की विषय है। बात रही विदेशी के आने की तो आप इस विडियों से समझते सकते है कि आखिर विदेशी क्यों आते और और उनको आने क्यों दिए जाते है। विदेशी मतलब अगर पाकिस्तान और बंग्लादेश को छोड़ दे तो जो बाहर से आते है भारत को जानने के लिए आते है भारत को समझने के लिए आते और कुछ तो भारत के ही होकर रह जाते है। ऐसे रहने के बात अगर करे तो रोहिंग्या बंग्लादेशी घुसपैठिया भी आते है रहते है लेकिन यहाँ के नही होते है ।
सवाल यह भी है कि जो लोग सनातन मे विश्वास नही रखते है उनको महाकुंभ मे सनातनियों को समोसे बेचने मे क्या इन्ट्रैस्ट है। समोसा भी वही लोग बेचेंगे जो सनातन मे विश्वास रखते है। ऐसे महाकुंभ मे रखा क्या है आयोध्या मे दुकान लगाने से क्या फायदा होगा। पिछली साल जनवरी से लेकर दिसंबर तक 16 करोड़ लोग ही तो आये है। सर्वे मे बताया गया है कि प्रति व्यक्ति ने शुरु से अंत मात्र 3 हजार रुपये खर्चा किया है। अब 3 हजार को 16 करोड़ से गुणा कर दीजिए मात्र इतने ही रुपये के बिजनेस हुए है। बांकि रखा क्या है। विदेशी लोग आस्था के साथ एक जिज्ञासा के साथ आते है उनको आने दीजिए। जिनको विश्वास ही नही है उनका कुंभ मे क्या काम है। पंडित धीरेन्द्र शास्त्री कहते है न मेरे अंगने मे तुम्हारा क्या काम है। आप भी समझना चाहते है तो आस्था के साथ जाईये।
यूपी पुलिस के द्वारा सोशल मिडिया पर एक विडियो वायरल की गई है जिसमें एक विदेशी महिला जमकर यूपी पुलिस की तारीफ कर रही है। साथ ही सनातन मे पूर्ण आस्था होने की झलक भी इस महिला के चेहरे से साफ झलक रही है। हालांकि तारीफ अग्रेजी होने के कारण लोगों के समझ मे कम आ रही है। खासकर विपक्ष के लोग अभी इसे ट्रांसलेट करवाने की कोशिश मे है ताकि महिला के द्वारा किए गए मुक्त कंठ से प्रशंसा मे राजनीतिक एंगल निकाल सके। संभव है कि कल इस विडियों पर कमेंट देखने को मिले की यह महिला बीजेपी की है या फिर इससे यूपी पुलिस ने दबाव बनाकर तारीफ करवा ली है।