लालटेन युग से मोमबत्ती युग में बिहार के ९०% जनता।

देखिए मुख्यमंत्री जी आप के राज्य में ए सब क्या हो रहा है,90% घरों एव इनके जीवन तथा बच्चों के भविष्य में “शाम ढ़लते ही” अंधेरा क्यों छा जा रहा है

सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों के 90% जनता लालटेन युग से मोमबत्ती युग में आ गये और की बात ही छोड़िए रोशनाई के अभाव है इनके बच्चों के पढ़ाई भी बाधित हैं

रिर्पोट अनिल कुमार मिश्र औरंगाबाद (बिहार)

मुख्यमंत्री के आदेशों को बिजली विभाग के अधिकारी ठेंगा दिखा रहे हैं और सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों के 90% जनता “लालटेन युग से मोमबत्ती युग” में आ गये और दिल की बात ही छोड़िए रोशनाई के अभाव में इनके बच्चों के पढ़ाई भी बाधित हैं। बिहार सरकार के कड़े आदेश व दिशा निर्देश के बाद भी शाम ढलने के बाद एवं रात्री में बिजली कटौती हो रहे हो जिस की मूल वजह क्या है यह लोगों की समझ से परे हो चुका है।
विद्युत एसडीओ नवीन नगर के अनुसार वरीय पदाधिकारी के आदेशा से बिजली की कटौती की जा रही है किंतु बरसात के मौसम में,और वह भी भादों की अंधेरी रात में शाम ढलते एवं रात्रि में बिजली की कटौती होना लोगों की समझ से परे हो चुका है । सूत्रों की बात मान ली जाए बिजली घर के अधिकारी के संरक्षण में सरेआम हो रहे बिजली की चोरी की भरपाई विद्युत की कटौती से किया जाता है और अधिकारी बिजली चोरों से मोटी रकम लेकर आपने औकात को दिन दुगना, रात चौगुना करने में.लगे हूए है। बिजली विभाग के अधिकारियों के यहां एडी की छापेमारी अति आवश्यक उपभोक्ता महसूस कर रहे हैं तभी सरकार की महत्वकांक्षी योजनाएं बिहार में धरातल पर आएंगे और बिहार वासियों को सही बिजली ,सही दाम पर, सही समय से मिल पाएगा।

बताते चले कि बिहार सरकार के आदेश एवं दिशा निर्देश के विरुद्ध शाम ढ़लते ही बिजली की कटौती का जारी खेल से इन दिनों खासकर कमजोर वर्ग के घरों में अंधेरा छाया हुआ है ,गरीब परेशान है और इनके घरों एवं बच्चों के भविष्य में अंधेरे छाया हुआ है तथा अंधेरे में रहने को विवश हैं तथा ग्रामीण बच्चों का पढ़ाई भी बाधित है।

बताते चले कि बिहार -सरकार के माननीय मुखिया, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार में बिजली की समुचित ब्यवस्था एवं बिजली में सुधार के पश्चात बिजली विभाग के अधिकारियों को विशेष हिदायत, आदेश व दिशानिर्देश के साथ बिहार में एपीएल परिवार के बीच से केरोसिन तेल की आपूर्ति बंद कर दिया तथा किरासन तेल की कटौती करते हुए बीपीएल धारको को भी किरासन तेल न के बराबर देने लगे , फिर भी बिजली का चकाचौंध के सामने गरीब परिवार भी महंगी किरोसिन तेल लेनि बंद कर दियि और बीपीएल परिवार के लिए डीलर को मिलने वाले 7.50 मिलीलीटर किरोसिन तेल भी बिकना बंद हो गया अंतत: अधिकांश कमजोर डीलर किरोसिन तेल को प्राप्त सूचना के अनुसार लाना बंद कर दिया और जनता आज लालटेन युग से मोमबत्ती के युग में आ गये।

प्राप्त जानकारी के अनुसार बिजली विभाग के अधिकारी के संरक्षण मैं निर्बाध गति से जारी बिजली की चोरी की भरपाई हेतु बिजली की कटौती किया जाता है जिससे खासकर कमजोर वर्ग अंधेरे में हैं तथा उनके बच्चों का पठन-पाठन भी बाधित है।

सूत्रों की बात मान ली जाए तो बिहार सरकार के माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी ने बिजली विभाग को चेतावनी के साथ यह निर्देश दिए हैं कि शाम ढलने के बाद विद्युत सेवा आपूर्ति बाधित नहीं करना है तथा दिन में ही बिजली मरम्मती के कार्य को करा लेना है । किन्तू विद्यूत आपूर्ति अवर प्रमंडल नवीनगर के अधिकारी ठीक सरकार के आदेश के विपरीत गरीबों को लूटने एवं सरेआम बिजली की चोरी कराकर अनैतिक रूप से पैसा वसूली की कार्य प्रारंभ रखे हुए हैं और उपभोक्ताओं को मीटर लगाने की जगह मनमानी बिजली बिल वसूल रहे हैं तथा जिनके घरों में मीटर लग चुका है उनके मीटर रीडिंग के चौगुनी बिल भेज कर उसे जबरन बिजली बिल की वसूली किया जा रहा है इससे स्पष्ट है कि बिजली चोरों के जगह बिजली राजस्व का भरपाई मुट्ठी भर उपभोक्ता करते आ रहे है और चोरों से प्राप्त धन भ्रष्ट अधिकारियों के खजाने में जमा हो रहे हैं जिसे कारण सरकारी राजस्व अधर में लटका हुआ है और विभागीय अधिकारी माल- माल बनते जा रहे हैं।

विद्युत सब स्टेशन सबस्टेशन हरदत्ता क्षेत्र अंतर्गत निरंजनापुर फीटर में 01 सितंबर 2022 को लग भग 2:30 बजे 8:00 बजे तक तथा इसके पहले भी.बिजली बाधित है। एसडीओ साहब के अनुसार उपर के आदेश से बिजली की कटौती किया जाता है आदेश की प्रति की मांग करने पर कहते है उपभोक्ताओं के संबंध में हम जानकारी हिंदुस्तान. प्रभात एवं दैनिक जागरण को देगें।

कुटूम्बा प्रखंड के उपभोक्ताओं ने जिला पदाधिकारी औरंगाबाद एवं अनुमंडल पदाधिकारी, सदर अनुमंडल औरंगाबाद से उपरोक्त वर्णित तथ्यों के आलोक में विधि सम्मत कार्रवाई करने की मांग की है तथा अनुरोध किया है विद्युत विभाग नबीनगर के वर्तमान एसडीओ साहब को स्पष्ट दिशा निर्देश जारी करते हुए निर्देशित किया जाए कि बिहार सरकार के गाइडलाइन को अनुपालन सुनिश्चित कराएं ताकि जनता उग्र आंदोलन के लिए विवश व बाध्य ना हो ।