भक्तों के कष्टों का निवारण करने के लिए प्रभु अवतार लेते हैं- प्रमोद दास

समाज जागरण अभिषेक तिवारी अमेठी

मुसाफिरखाना क्षेत्र के दुवरिया में करुणेश्वर महादेव धाम पर चल रही श्री राम कथा महोत्सव का शुक्रवार को समापन हो गया।अंतिम दिन की कथा में श्रद्धालुओं का भारी जमावड़ा लगा रहा।कथा व्यास प्रमोद दास महाराज ने अंतिम दिवस की कथा में कहा कि भक्तों से प्रेम करने के लिए ही इस धरा पर प्रभु का अवतार होता है। जैसे कोई व्यक्ति घर से बाहर रहकर अपने परिवार के लिए पैसे के बल पर सारी सुख सुविधाएं उपलब्ध करा तो सकता है, लेकिन प्रेम नहीं कर सकता। प्रेम करने के लिए उसे घर आना पड़ेगा। इसी प्रकार से सब कुछ समर्थ होने के बाद भी धरती पर केवल प्रेम के लिए ही प्रभु को अवतार लेना पड़ता है।उन्होंने कहा कि जिस तरह रामचरितमानस में मित्रता का और भाईयों के मन में एक दूसरे के प्रति अपार प्रेम और त्याग की भावना का सजीव चित्रण देखने को मिलता है, ऐसा और कहीं नहीं है। मित्र के सुख के रज जैसा समझों और मित्र के रज जैसे दुख को भी पहाड़ जैसा समझना चाहिए, यही मित्रता है।
भाई-भाई का प्रेम देखना है, तो रामचरितमानस में दिखाई देता है। जिस तरह से राम और सुग्रीव की मित्रता का वर्णन किया है वह अदभुत है।कथा में बृजराज सिंह, राजकुमार सिंह भगवान सिंह रितिक तिवारी नंदकिशोर शिव शंकर तिवारी बजरंगबली तिवारी चक्रेश तिवारी गिरजा शंकर तिवारी सतीश सिंह रिंकू सिंह सनी सिंह विनय सिंह विक्रम सिंह सहित आदि रहे।