नेताजी सुभाष चंद्र बोस जयंती के अवसर पर शहीद स्थल प्रबंधन ट्रस्ट करारी में कवि गोष्ठी का हुआ आयोजन*

संवाददाता/ अरुण पांडेय (गुरुजी)
दैनिक समाज जागरण

सोनभद्र। नेताजी सुभाष चन्द्र बोस जयंती के अवसर पर शहीद स्थल प्रवंधन ट्रस्ट करारी सोनभद्र के तत्वावधान में शहीद स्मारक करारी पर गुरुवार सुबह तिरंगा फहराया गया और राष्ट्र गान व शहीदों की प्रतिमा पर माल्यार्पण, दीपदान पश्चात विधिवत शारदे स्तवन से कविगोष्ठी का प्रारंभ ओजस्वी कवयित्री कौशल्या कुमारी चौहान के वाणी वंदना, अंधकार का नाश करो मां, जन जन का संत्रास हरो मां। घर घर मंगल ध्वनि सब प्रमुदित, जगमग जग विश्वास भरो मां। सुनाकर शमां बांध दिया। धर्मेश चौहान एडवोकेट ने गिरगिट की तरह रंग बदलता आदमी, चेहरे पर चेहरा लगाकर है निकलता आदमी। सुनाकर समाज की पीर को उकेरा वाहवाही बटोरी।
प्रदुम्न कुमार त्रिपाठी एडवोकेट निदेशक शहीद स्थल प्रवंधन ट्रस्ट करारी सोनभद्र ने फिर से हमें सुभाष चाहिए, गौरवमय इतिहास चाहिए। मरघट में जो प्राण फूंक दे, ज्योतित जगत प्रकाश चाहिए। सुनाकर वीर रस का जज्बा जगाया।
जयराम सोनी ने नेताओं पर तंज कसा,नीमन नीमन बाति सुनाके, आगि लगवला पानी में। लोगों को हंसाते रहे।
संचालन कर रहे अशोक तिवारी एडवोकेट ने गंभीर शायरी , बूढ़ा बरगद आंधियों की जद में आ गया। सुनाकर गतिज ऊर्जा दिये।
राष्ट्र वाद के मुखर स्वर प्रभात सिंह चंदेल ने देश प्रेम को समर्पित रचना,ले मशाल जो हांथ में निकले परिवर्तन हैं लाये, वीर जवान घास की रोटी खाकर देश बचाये। से हुंकार भरा।
शायर जुल्फेकार हैदर खान ने,दिल करे तो याद कर लेना तनहा हूं,पर भूला नहीं हूं। सुनाया और शायरी कता नज़्म ग़ज़ल से लोगों को भावविभोर कर दिया।
सुधाकर पांडेय स्वदेश प्रेम ने, तिरंगे में सजे अर्थी बजे धुन राष्ट्र गीतों की जनाजा, जब मेरा निकले वतन के वास्ते निकले। सुनाया और काफी सराहे गए।
दयानंद दयालू ने माटी की खुशबू लोकभाषा में गीत सुनाकर लोगों को खुश कर दिया। दिलीप सिंह दीपक का सारस्वत अभिनंदन किया गया। उनकी रचना है अंधेरा घना है अंधेरा घना। सुनाया और सत्ता को नसीहत दिया।
आयोजन की अध्यक्षता करते हुए दिवाकर द्विवेदी मेघ ने आदमी है कहां अब आदमी, तथा हास्य व्यंग सुनाकर लोगों को झूमने पर विवस किया और पूर्णता प्रदान किया।
इस अवसर पर फारुख अली हाशमी, रिषभ, पुरुषोत्तम, ठाकुर कुशवाहा, प्रधान संगीता तिवारी, जयशंकर त्रिपाठी एडवोकेट, रामयश तिवारी, त्रिभुवन त्रिपाठी, बृजकिशोर देव पाण्डेय, बलिराम, गनेश, विजय शंकर त्रिपाठी, शिखा, आद्या, अंशिका, मृत्युंजय, ममता, समता समेत सैकड़ों लोग मौजूद रहे।

Leave a Reply