मनी लॉन्‍ड्र‍िंग नहीं… तो क्‍या है 1000 करोड़ रुपये की टैक्‍स चोरी यह सबसे बड़ा मामला? समझें पूरा खेल

नोएडा. कामर्शियल स्पेस बेचने के नाम पर नोएडा में चार बिल्डर (भूटानी इंफ्रा, ग्रुप 108, एड्वेंट, लाजिक्स) समेत दो ब्रोकर कंपनी पर इनकम टैक्स की रेड पूरी हो गई. देर शाम को सभी 28 लोकेशन से बरामद कैश ज्वैलरी और दस्तावेजों को जब्त कर लिया गया है. इन दस्तावेजों को वेरिफाइड कराया जा रहा है. इस प्रोसेस में करीब एक महीने का समय लग जाएगा. इन छह दिनों की सर्च में इनकम टैक्स को उम्मीद से ज्यादा टैक्स चोरी करीब 750 करोड़ से ज्यादा के अघोषित लेनदेन और 1000 से ज्यादा एग्रीमेंट मिले.

इसके अलावा 10 करोड़ रुपए के कैश और ज्वेलरी मिली है. इस कैश रकम का कोई साक्ष्य कंपनी उपलब्ध कराई पा रही है. मनी लॉन्‍ड्र‍िंग के कोई साक्ष्य नहीं मिले है. लेकिन टैक्स चोरी का ये पूरा खेल एश्योर्ड रिटर्न पर खेला गया. ये प्रकार का लुभावने विज्ञापन है, जिसमें निवेशक प्रोजेक्ट में निवेश करता है और उसे गारंटी दी जाती है कि पजेशन तक आपको स्पेस की लागत का इतना रुपये प्रतिमाह दिया जाएगा, जिसे ये टैक्स में कम शो करते थे. इस तरह से टैक्स चोरी की गई, जिसके प्रमाण एग्रीमेंट में मिले.

स्पेस के हिसाब से 1 से 12 प्रतिशत तक एश्योर्ड रिटर्न का करते है वादा
‘एश्योर्ड रिटर्न’ एक ऐसा पॉप्युलर टर्म है जिसका इस्तेमाल ग्राहकों को लुभाने के लिए कमर्शियल और रेजिडेंशियल रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स में सबसे ज्यादा किया जाता है. कई डेवलपर्स अपने रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स पर ‘एश्योर्ड रिटर्न’ का वादा करते हैं. पजेशन मिलने तक ग्राहकों को 1-12 प्रतिशत रिटर्न मिलने का ऑफर दिया जाता है. इस तरह के विज्ञापनों के जरिए लोगों को उनका पैसा अंडर कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट्स में निवेश करने के लिए लुभाया जाता है. बाजार में इस तरह की स्कीमों को अलग-अलग नामों से पेश किया जाता है. यहां भी भूटानी इंफ्रा और ग्रुप 108 ने लॉजिक्स के कमर्शियल स्पेस बेचने के लिए इसी एश्योर्ड रिटर्न का लुभावना ऑफर देकर निवेशकों का पैसा लिया.

एग्रीमेंट में एश्योर्ड रिटर्न के मिले साक्ष्य
सर्च के दौरान मिले एग्रीमेंट में एश्योर्ड रिटर्न के दस्तावेज मिले है. यानी इन निवेशकों ने स्पेस का पूरा पैसा बिल्डर के खाते में जमा किया है. यही पैसा 40 प्रतिशत के हिसाब से कैश में दिया गया. अब इन दस्तावेजों को खंगाला जा रहा है, जिससे टैक्स चोरी का आकलन किया जा सके. वहीं फारेन इन्वेस्टमेंट के साक्ष्य भी एग्रीमेंट से मिले है. इसको लेकर जल्द कंपनियों के डायरेक्टरों से पूछताछ की जा सकती है.

नोएडा. कामर्शियल स्पेस बेचने के नाम पर नोएडा में चार बिल्डर (भूटानी इंफ्रा, ग्रुप 108, एड्वेंट, लाजिक्स) समेत दो ब्रोकर कंपनी पर इनकम टैक्स की रेड पूरी हो गई. देर शाम को सभी 28 लोकेशन से बरामद कैश ज्वैलरी और दस्तावेजों को जब्त कर लिया गया है. इन दस्तावेजों को वेरिफाइड कराया जा रहा है. इस प्रोसेस में करीब एक महीने का समय लग जाएगा. इन छह दिनों की सर्च में इनकम टैक्स को उम्मीद से ज्यादा टैक्स चोरी करीब 750 करोड़ से ज्यादा के अघोषित लेनदेन और 1000 से ज्यादा एग्रीमेंट मिले.

इसके अलावा 10 करोड़ रुपए के कैश और ज्वेलरी मिली है. इस कैश रकम का कोई साक्ष्य कंपनी उपलब्ध कराई पा रही है. मनी लॉन्‍ड्र‍िंग के कोई साक्ष्य नहीं मिले है. लेकिन टैक्स चोरी का ये पूरा खेल एश्योर्ड रिटर्न पर खेला गया. ये प्रकार का लुभावने विज्ञापन है, जिसमें निवेशक प्रोजेक्ट में निवेश करता है और उसे गारंटी दी जाती है कि पजेशन तक आपको स्पेस की लागत का इतना रुपये प्रतिमाह दिया जाएगा, जिसे ये टैक्स में कम शो करते थे. इस तरह से टैक्स चोरी की गई, जिसके प्रमाण एग्रीमेंट में मिले.

स्पेस के हिसाब से 1 से 12 प्रतिशत तक एश्योर्ड रिटर्न का करते है वादा
‘एश्योर्ड रिटर्न’ एक ऐसा पॉप्युलर टर्म है जिसका इस्तेमाल ग्राहकों को लुभाने के लिए कमर्शियल और रेजिडेंशियल रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स में सबसे ज्यादा किया जाता है. कई डेवलपर्स अपने रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स पर ‘एश्योर्ड रिटर्न’ का वादा करते हैं. पजेशन मिलने तक ग्राहकों को 1-12 प्रतिशत रिटर्न मिलने का ऑफर दिया जाता है. इस तरह के विज्ञापनों के जरिए लोगों को उनका पैसा अंडर कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट्स में निवेश करने के लिए लुभाया जाता है. बाजार में इस तरह की स्कीमों को अलग-अलग नामों से पेश किया जाता है. यहां भी भूटानी इंफ्रा और ग्रुप 108 ने लॉजिक्स के कमर्शियल स्पेस बेचने के लिए इसी एश्योर्ड रिटर्न का लुभावना ऑफर देकर निवेशकों का पैसा लिया.

एग्रीमेंट में एश्योर्ड रिटर्न के मिले साक्ष्य
सर्च के दौरान मिले एग्रीमेंट में एश्योर्ड रिटर्न के दस्तावेज मिले है. यानी इन निवेशकों ने स्पेस का पूरा पैसा बिल्डर के खाते में जमा किया है. यही पैसा 40 प्रतिशत के हिसाब से कैश में दिया गया. अब इन दस्तावेजों को खंगाला जा रहा है, जिससे टैक्स चोरी का आकलन किया जा सके. वहीं फारेन इन्वेस्टमेंट के साक्ष्य भी एग्रीमेंट से मिले है. इसको लेकर जल्द कंपनियों के डायरेक्टरों से पूछताछ की जा सकती है.