नोएडा प्राधिकरण के ओएसडी श्री इंदू प्रकाश ने कहा है कि अगर वेंडिंंग जोन में अगर किसी का भी दुकान 2 मीटर से ज्यादा हुआ तो बुल्डोजर चलवा दिया जायेगा। लेकिन बात यह स्पष्ट नही है कि यह बुल्डोजर सिर्फ वेंडिंग जोन में चलेगा या वेंडिंग जोन के बाहर भी। क्योंकि माना यह जा रहा है कि जितने वेंडर वेंडिंग जोन में है उससे 5 या 10 गुणा ज्यादा वेंडिंग जोन के बाहर है। सबसे बड़ी बात प्राधिकरण के ढ़ुलमूल रवैया होने के कारण यह संख्या लगातार दिन दूनी और रात चौगुनी होती जा रही है। बताते चले कि नोएडा प्राधिकरण के ओएसडी श्री इंदू प्रकाश सिंह सेक्टर 76 वेंडिंग जोन में निरीक्षण करने पहुँचे थे जहाँ पर उन्होंने वेंडर को चेतावनी देते हुए बुल्डोजर चलाने वाली बात की।
रेहड़ी पटरी संचालक वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री श्याम किशोर गुप्ता नें विडियों का टवीट करते हुए लिखा है कि सभी वर्क सर्किल के जिम्मेदार अधिकारी, आफिसर, और सुपरवाइजर के अलावा स्वयं वेंडर इस पर ध्यान दे कोई भी दुकान 2 मीटर से ज्यादा नही होनी चाहिए। इसके साथ ही उन्होने यह भी सवाल उठाया है कि जब उनको शिकायत मिला है और सर्वे करने गए थे तो क्या सभी वेंंडर के लाइसेंस चेक किया गया है। जब सर्वे करने गए थे साहब तो उनको लाइसेंस भी चेक करना चाहिए था कि कौन असली वेंडर है और कौन कब्जा किया हुआ है।

नोएडा शहर के वरिष्ठ नागरिक व अधिवक्ता श्री अनिल के गर्ग ने अपने प्रतिक्रिया में नोएडा प्राधिकरण के नाम से बने टवीटर हैंडल पर लिखा है ” पिछल 2-3 वर्षों में नोएडा प्राधिकरण स्ट्रीट वेंडर मामले में पारदर्शिता लाने में विफल रही है। इसका मुख्य कारण निहित स्वार्थ के लिए नौकरशाही और उनके सहायक कर्मचारियों के द्वारा निरंकुश तरीके से काम करना है। इस मामले में एक ईमानदार सुशासन व्यवस्था की आवश्यकता है।
इस बात का कितना होगा असर यह तो आने वाले समय में पता चलेगा। फिलहाल तो यही उम्मीद किया जा सकता है कि स्मार्ट सिटी नोएडा को और स्मार्ट बनाने में वेंडर और प्राधिकरण का आपसी सहयोग कितना मिलता है। इसके साथ ही वेंडिंग माफियाओं पर प्राधिकरण कितना लगाम लगाने में सफल रहती है। कई आश्वासन के बावजूद वेंडिंग जोन में किराये पर चलाये जा रहे दुकाम पर क्या लगेगा लगाम ?