नोएडा समाज जागरण डेस्क
नोएडा सेक्टर 16 मे रेहड़ी पटरी वेंडर तीन दिनों से धरने पर बैठे है। पिछले सप्ताह नोएडा प्राधिकरण के द्वारा रेहड़ी पटरी तोड़े जाने और रोजगार से वंचित करने को लेकर धरना कर रहे है। वेंडर ने आरोप लगाया है कि नोएडा प्राधिकरण के जेई और सुपरवाइजर उनसे पैसे की मांग करते है, जिसको नही देने पर उनको रोजगार से वंचित किया गया है। वेंडरों ने कहा है कि जब तक हमे न्याय नही मिलता है हम ऐसे ही धरने पर बैठे रहेंगे।
इसके साथ ही वेंडर ने नोएडा प्राधिकरण के जेई और सुपरवाइजर बड़ा आरोप लगाया है और डिजिटल तरीके से रिश्वत लेने के सबूत भी दिए है। उनका कहना है कि फोर्थ क्लास के कर्मचारी ने उनसे हर महीने फोन पे, पेटीएम और गुगल पे के माध्यम से पैसे लिए है। जिसको अब हम लोगों ने बंद कर दिया है तो हमे बेरोजगार कर दिया गया है।
वेंडर का आरोप कितना सही है यह तो जांच के बाद ही पता चलेगा, लेकिन वेंडर ने पैमेंट ट्राजेक्शन के जो सबूत दिखाए है वह योगी सरकार के भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलेरेंस नीति पर कई सवाल उठाते है। सवाल यह भी है की आखिर कुछ ही वेंडर के दुकान क्यों तोड़े गए ? बांकि के बाजार तो आज भी गुलजार हो रहा है। क्या वाकई मे वेंडर ने रिेश्वत देने से मना किया है जिसके कारण वेंडर को अपने रोजगार से हाथ धोना पड़ा है ? अगर बाकई मे अतिक्रमण हटाने का काम किया जा रहा है,7गग तो बांकी वेंडर किस लिहाज से अपना दुकान चला रहे है? सबसे अहम सवाल क्या योगी सरकार ऐसे भ्रष्ट कर्मचारी, अधिकारी और अफसर पर कार्रवाई करेंगे या फिर ऐसे ही सबका साथ सबका विकास होता रहेगा।