राइस मिलरों पर अनुबंध का दबाव और धान उठाओ पर जोर डाल रहे अधिकारी
अनुभवी सरवर को निकाल अनुभव विहीन सर्वेयर से करवा रहे धान खरीदी
इण्ट्रो – भारत और मध्य प्रदेश सरकार के लिए अनूपपुर जिला प्रयोगशाला बना हुआ है, किसी अधिकारी का तबादला या नए पदोन्नति या फिर नई कंपनी का ट्रायल हो सदैव आदिवासी जिला अनूपपुर में किया जाता है जिसका नुकसान जिले की जनता को भुगतना पड़ता है। हाल ही में भारत सरकार द्वारा पायलट प्रोजेक्ट योजना के तहत उपार्जन वर्ष 2024-25 में धान खरीदी के लिये एनसीसीएफ एजेंसी को कार्य सौंपा है। जहां अनूपपुर जिला को अनुसंधान केंद्र समझ कर नए-नए प्रयोग एनसीसीएफ कंपनी द्वारा किए जा रहे हैं।
अनूपपुर। भारत सरकार द्वारा पायलट प्रोजेक्ट योजना के तहत उपार्जन वर्ष 2024-25 में धान खरीदी के लिये एनसीसीएफ एजेंसी को कार्य सौंपा है। जिनके द्वारा अनूपपुर जिले की धन उपार्जन का कार्य देखा जा रहा है। पूर्व में यह कार्य नॉन विभाग को दिया जाता था, एनसीसीएफ कंपनी द्वारा अपने कर्मचारी भेज कर धन उपार्जन का कार्य तो शुरू कर दिया गया लेकिन कंपनी के पास खुद का ना तो कोई ऑफिस है और ना ही कोई ऐसा उपकरण और ना ही कोई ऐसा प्लानिंग या अनुभव नहीं है जो कि धान खरीदी को सुगम तरीके से संचालित कर सके। प्राइवेट कंपनी द्वारा अनूपपुर जिले के नान विभाग के कंप्यूटर उपकरणों का उपयोग कर अपने कार्यों में उपयोग में लाया जा रहा है वही अनूपपुर जिले के अधिकारी और अफसर प्राइवेट कंपनी को बढ़ावा देने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सत्ता पक्ष के बड़े नेता की कंपनी होने के कारण अब अधिकारी और अफसर प्राइवेट कंपनी की चाकरी करने से नहीं चूक रहे हैं।
एनसीसीएफ के कारण किसानों को हो रही परेशानी
धन उपार्जन के लिए प्राइवेट एजेंसी एनसीसीएफ के धान उपार्जन में खरीदी के 18 दिनों के बाद भी आज दिनांक तक किसानों को एक रुपए का भुगतान नहीं किया जा सका जिसका सबसे बड़ा कारण एजेंसी की लापरवाही और अनुभव की कमी है। मुख्यमंत्री के आदेश और किसानों के दिए गए वादा के अनुसार तीन दिन के अंदर किसानों के खातों में उपार्जन और खरीदी के बाद धान के भुगतान की राशि आ जानी चाहिए थी लेकिन उक्त एजेंसी के कार्य रवैया के कारण आज दिनांक तक किसानों के खाते में राशि नहीं पहुंची है जिससे किसान बेहद चिंताजनक स्थिति में है वहीं किसानों को दिमागी रूप से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। किसान धान बेचकर अपने कर्ज चुकाने का कार्य करता है लेकिन लगभग 20 दिन होने को आए हैं और किस को धान खरीदी की राशि न मिलने से उनके ब्याज में बढ़ोतरी होती चली जा रही है जिस कारण से किसान बेहद परेशान है।
एजेंसी पर नहीं मिलरों को भरोसा
सरकार द्वारा नई तरीके के शोध किसानो के साथ आए दिन किए जाते हैं जिसका खामियाजा किसानों को भोगना पड़ता है, लेकिन इस बार राइस मिलर संचालकों को नई कार्य एजेंसी के धान उपार्जन में हस्तक्षेप के बाद परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है खरीदी के 18 दिन तक मीलरों से अनुबंध ना हो पाना और लगातार मीलरों पर अधिकारियों द्वारा दबाव बनाए जाना एक तरह की प्राइवेट एजेंसी की चाकरी करने के बराबर है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जिले के बड़े अफसर द्वारा राइस मिल संचालकों पर अनुबंध करने का दबाव बनाया जा रहा है ताकि जल्द से जल्द प्राइवेट एजेंसी के माध्यम से धान का उठाव किया जा सके।
अनुभव है विहीन सर्वेयरों को खरीदी का जिम्मा
धान उपार्जन के समय विगत कई वर्षों से सर्वेयर का कार्य कर्मचारियों को नई एजेंसी द्वारा बाहर का रास्ता दिखा दिया गया जिससे अब वह कर्मचारी नौकरी विहीन हो गए हैं उनके जगह नए और अनुभव विहीन कर्मचारियों की नियुक्ति कर दी गई है जिससे अनूपपुर के लगभग सभी उपार्जन केंद्रों में किसानों को अवस्था और प्राइवेट एजेंसी की मनमानी का सामना करना पड़ रहा है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एजेंसी के सरवर द्वारा किसानों का धान को पहले रिजेक्ट किया जाता है और फिर कुछ लेन-देन के बाद उनके धान को खरीदने के लिए स्वीकार किया जाता है। हाल ही में पूर्व में कार्यरत सर्वेयरों द्वारा कलेक्टर को पत्र लिखकर दोबारा पदस्थ किए जाने की मांग की गई थी। शिकायत पत्र में उन्होंने लिखा था कि बीएससी एग्रीकल्चर करने के बाद भी और सालों का अनुभव होने के बाद एजेंसी द्वारा उन्हें निकाल दिया गया है जबकि कार्य की पात्रता ना होने वाले व्यक्तियों को एजेंसी द्वारा सर्वेयर की भूमिका निभाने के लिए पदस्थ किया गया है।
नॉन विभग के ऑफिस के भरोसे एनसीसीएफ
सरकार के द्वारा चयनित की गई नई एजेंसी एइसीसीएफ नॉन विभाग के ऑफिस के भरोसे संचालित हो रहा है। उक्त एजेंसी के पास ना तो पर्याप्त कर्मचारी हैं और ना ही उपार्जन को संचालित करने के लिए उपकरण है लेकिन सत्ता पक्ष के नेता की एजेंसी होने के कारण अधिकारी और कर्मचारियों ने नॉन विभाग के ऑफिस को ही एजेंसी का ऑफिस बना दिया है सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अप्रत्याशित तरीके से नॉन विभाग में ही एजेंसी का कार्य संचालित हो रहा है जो कि नियम संगत कहीं भी उचित नहीं है। आखिर अनूपपुर जिले में अनुभव विहीन एजेंसी को धान खरीदी जैसी महत्वपूर्ण कार्य दिया जाना कहीं ना कहीं भ्रष्टाचार को बढ़ावा देना है।
इनका कहना है।
इस संबंध में जब एजेंसी के अनूपपुर ब्रांच मैनेजर अनिल कुमार से 8985895978 नंबर पर संपर्क करना चाहा तो फोन रिसीव नही किया गया।