समाज जागरण पटना जिला संवाददाता:- वेद प्रकाश
पटना/ जिले के धनरुआ थाना क्षेत्र में सोमवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए पुलिस ने देसी शराब बनाने वाली एक बड़ी भट्ठी को नष्ट कर दिया और भारी मात्रा में शराब जब्त की।
जानकारी के अनुसार सोमवार को धनरुआ थाना क्षेत्र के सांडा पंचायत में नदी किनारे चल रही अवैध देसी शराब भट्ठी पर पुलिस ने ड्रोन कैमरे की मदद से छापेमारी की। इस दौरान लगभग 2000 किलो जावा महुआ और 250 लीटर देसी शराब जब्त की गई। शराब माफिया ने इस भट्ठी को नदी किनारे एक सुरक्षित स्थान पर छिपाकर बनाया था। नदी किनारे शराब बनाने के पीछे माफियाओं का तर्क यह है कि यहां शराब बनाने के लिए आवश्यक संसाधन आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं। नदी का पानी शराब बनाने और महुआ सड़ाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। साथ ही घनी झाड़ियों और दुर्गम स्थानों के कारण इन इलाकों में पुलिस की पहुंच मुश्किल हो जाती है। इसी का फायदा उठाते हुए शराब माफिया खेत-खलिहान, आहर और नदी किनारे मिनी फैक्ट्री बना लेते हैं। पुलिस की छापेमारी की सूचना मिलते ही शराब माफिया और अन्य लोग मौके से फरार हो गए। हालांकि, पुलिस ने इनकी गिरफ्तारी के लिए अभियान तेज कर दिया है। इस सम्बंध में एक्साइज सुपरिंटेंडेंट संजय कुमार चौधरी ने बताया कि अवैध शराब के खिलाफ “ऑपरेशन देसी शराब” के तहत यह कार्रवाई की गई। अवैध शराब माफिया नई-नई तरकीबें अपनाकर कानून का उल्लंघन कर रहे हैं। नदी किनारे दुर्गम स्थानों पर भट्ठियां लगाना और स्थानीय स्तर पर छुपकर काम करना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बन गया है। लेकिन, ड्रोन कैमरे और आधुनिक तकनीक का उपयोग कर पुलिस इन पर कार्रवाई कर रही है। हालांकि, शराबबंदी कानून को प्रभावी बनाने के लिए और अधिक सख्ती की जरूरत है। साथ ही, आम लोगों की जागरूकता और सहयोग भी महत्वपूर्ण है। स्थानीय लोग इस तरह की गतिविधियों की सूचना पुलिस को दें ताकि इस अवैध कारोबार पर पूरी तरह रोक लगाई जा सके। पटना में शराबबंदी के बावजूद देसी शराब का अवैध कारोबार राज्य सरकार और पुलिस प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती बना हुआ है। धनरुआ की हालिया कार्रवाई से यह स्पष्ट है कि माफियाओं के खिलाफ सख्त अभियान चल रहा है। पुलिस की तत्परता और तकनीकी का उपयोग अवैध शराब माफियाओं के खिलाफ एक मजबूत कदम है लेकिन इसे पूरी तरह खत्म करने के लिए सामूहिक प्रयास और सख्त कानून का पालन जरूरी है।