भाजपा नेता की हो रही बदनामी से पुलिस ने उठाया पर्दा…

3 करोड़ से ज्यादा कीमत के गांजा जप्ती मामले में, दो आरोपी गिरफ्तार

शहडोल। जिला अंतर्गत थाना जयसिंहनगर के ग्राम गिरूईखुर्द के जंगल में गुप्त रूप से मुखबिर सूचना बाद जप्त किए गांजा की एक बड़ी खेप मामले में आखिरकार पुलिस ने कई सवालों जबाव खोज निकालने में शायद बड़ी सफलता हासिल कर ली है। बता दें कि, बीते 19 मई को पुलिस के एक मुखबिर ने उक्त ग्राम से लगे जंगल में बड़ी तादाद में उपलब्ध मादक पदार्थ गांजा के होने की जानकारी दी थी, जिसके बाद पुलिस ने मौके पर पहुंचकर गांजा जप्त भी किया। लेकिन, मामले में जुड़े तार और आरोपियों की पकड़ अब तक अछुती रही है। भले ही मुखबिर तंत्र यहां कमजोर रहा हो। किंतु, पुलिस ने अथक प्रयासों के बावजूद कई सवालों को विराम देते हुए एक बड़ी कामयाबी हासिल कर ही ली।

देर आए दुरुस्त आए

पुलिस के बताए अनुसार, थाना क्षेत्र के गिरूईखुर्द के समीप जंगल स्थिति खेत से लगे एक झोपड़ी के सामने लावारिस हालत में 38 क्विंटल 26 किलो 100 ग्राम गांजा बरामद किया गया था। जिसकी अनुमानित बाजारू कीमत 3 करोड़ 6 लाख 8 हजार बताई गई थी। हालांकि, अगर सूत्रों की मानें तो पकड़े बोरियों की गिनती जो पुलिस ने बताया था, वह 121 बोरी से कुछ ज्यादा ही थी। खैर, पुलिस ने जो बताया हम वहीं बता रहे। 12 , दिनों पूर्व इस मामले को लेकर एसपी ने थाना प्रभारी की लापरवाही मानते हुए उन्हें निलंबित कर दिया था। बहरहाल, थाना प्रभारी की लापरवाही को लेकर एसपी ने कोई स्पष्ट जानकारी तो नहीं दी थी। किंतु, देर आए दुरूस्त आए की तर्ज़ पर अब जाकर इस मामले के आरोपी आखिरकार पुलिस के हत्थे चढ़ ही गए हैं। जिनके विरूद्ध 8/20 एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था।

अनसुलझे सवालों के जवाब अभी भी बाकी

पुलिस प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक, मामले में दो दर्जन से अधिक संदिग्ध गांजा तस्करों से पूछताछ की गई। जिनमें से दो नाम पुलिस ने बतौर आरोपी गोल्हई उर्फ कन्हैया लाल गुप्ता निवासी ब्यौहारी व राजेश तिवारी उर्फ राजू निवासी ग्राम टिहकी थाना ब्यौहारी के रूप में पुष्टि की है। जिन्हें गिरफ्तार कर अभी भी पूछताछ जारी है। बावजूद इसके अभी भी कई सवालों के जवाब पुलिस के पास नहीं मिले हैं। जैसे,, इतनी कड़ी चौकसी और पुलिस गस्ती बाद भी इस बड़ी मात्रा में आखिरकार गांजा जिले के थानों को मात देकर यहां तक कैसे पहुंचा? पुलिस का खुफिया तंत्र कहां और क्या कर रहा? चंद घंटों में अंतर्राज्यीय आरोपियों को गिरफ्तार करने में माहिर जिले की पुलिस को गांजा तस्करों को गिरफ्तार करने इतना वक्त क्यों लगा? इतनी मात्रा में गांजा कैसे और किस माध्यम से पहुंचा? किस वाहन से आया उसकी जप्ती आखिर अब तक क्यों नहीं? गांजा कहां से आया और कहां सप्लाई होने वाला था?

विचारणीय है यह भी

इस पूरे मामले में भाजपा के एक प्रतिष्ठित नेता का नाम सोशल मीडिया से लेकर अन्य माध्यमों से ऐसे उछाला गया, जैसे सारा कुछ स्पष्ट सा रहा हो। सारे प्लेट फार्म ने मानो उन्हें बदनाम करने एक जबरदस्त मौका पाया था,, सो किया भी! खैर, पुलिस की इस कार्रवाई ने सारा कुछ दूध का दूध और पानी का पानी कर दिया है। विचारणीय है कि, भले ही इन दो आरोपियों को गिरफ्तार कर पुलिस पूछताछ कर रही हो। जिसके बाद यह आरोपी सलाखों के पीछे भी पहुंचेंगे। लेकिन, जिन नेता को इस पूरे मामले में घसीटा गया उनका क्या? यदि वह इस आत्मग्लानि में कोई गलत कदम उठा लेते,, तो आखिरकार उसका जिम्मेदार कौन होता?… यह भी अपने आप में एक बड़ा सवाल है, जिसका जवाब भी ढूंढ़ा जाना चाहिए और ऐसी पुनार्वृत्ति न हो के लिए भी ठोस कदम उठाए जाने की आवश्यकता है।

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