प्रतापपुर के लोधेया में अवैध खनन माफियाओं पर चला खनन विभाग का बुलडोजर । दर्जनों क्रेसर प्लांट ध्वस्त।



प्रतापपुर में अवैध आधा दर्जन क्रेशर मशीन को किया गया ध्वस्त,

क्रेशर मशीन संचालकों और ट्रैक्टर मालिकों के विरुद्ध परतापुर थाने में प्राथमिकी दर्ज


दिखने लगा सामाज जागरण में छपी , खबर कि असर।

दैनिक सामाज जागरण, धनंजय कुमार वैद्य
ब्यूरो चीफ~ बिहार, झारखंड


चतरा ( झारखंड) अवैध खनन माफियाओं का सेफ जोन माने जाने वाला , झारखंड और बिहार का सीमावर्ती क्षेत्र चतरा जिला के प्रतापपुर थाना अंतर्गत लोधेया जहां अवैध रूप से चल रहे दर्जनों क्रेशर प्लांटो पर उपायुक्त चतरा अबू इमरान के निर्देश पर अनुमंडल टास्क फोर्स अनुमंडल पदाधिकारी मुमताज अंसारी एवम खनन पदाधिकारी गोपाल दास के नेतृत्व में कानूनी डंडा चलाई गईं। वहीं प्रशासन के द्वारा साथ लाई गई जेसीबी मशीनों से अवैद्य रुप से चल रहे क्रेशर प्लांटो की मशीनरी और फाउंडेशन को ध्वस्त कर दिया गया । एवम आधा दर्जन से अधिक ट्रैक्टर को विभिन्न क्षेत्रों से किया गया जब्त किया गया है जो खनन कार्य में लगे थे। उक्त मामले को लेकर क्रेशर माफियाओं के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज किया गया है जिसमें ध्वस्त किए गए क्रेशर कंपनियों में मेसर्स जनता स्टोन वर्क्स,मेसर्स जय बजरंग स्टोन चिप्स,मेसर्स एमटीएस स्टोन चिप्स,पूजा स्टोन चिप्स,मेसर्स जय बंजरग स्टोन वर्क्स के अतिरिक्त अज्ञात एवं कुल सात क्रेशर मालिकों एवं आठ ट्रैक्टर मालिकों पर सुसंगित धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर अग्रतर कार्रवाई की जा रही है। खनन माफियाओं के विरुद्ध कार्यवाही में एसडीओ मो मुमताज अंसारी,डीएमओ गोपाल दास के अतिरिक्त सीओ मो जुल्फिकार अंसारी ,पुलिस इंस्पेक्टर सह थाना प्रभारी लव कुमार एवं प्रतापपुर थाना के शस्त्र बल के जवान शामिल थे।
दैनिक समाज जागरण के पत्रकारों की टीम ने जब उक्त प्रतापपुर प्रखंड के लोधेया गांव का दौरा कर सूरते~ ए ~हाल जाना , और पाया कि झारखंड में बिना अनुज्ञप्ति के खनन माफिया पहाड़ों को बिस्फोट कर अवैद्य रुप से पत्थर निकाल कर क्रेशर प्लांट से करोड़ो का करोबार चला रहे थे। बीना अनुज्ञप्ति के कैसे खनन माफियाओं ने लोधेया गांव को अपना साम्राज्य के रूप में विकसित किया है ? जहां ऑटोमेटिक प्लांट से लेकर देसी जुगाड़ के माध्यम से पत्थरों की क्रेसिंग, ब्लास्टिंग, माइनिंग की जा रही थी । जिसकी तत्काल सूचना जिला प्रशासन से लेकर झारखंड राज्य के खनन विभाग को देते हुऐ, स्थानीय प्रशासन को जिम्मेदार ठहराते हुए खबर को प्रमुखता से प्रकाशित की थी।
जिसका असर शनिवार को देखने को मिला। प्रशासन सख्ती में आई , और खनन माफियाओं का साम्राज्य धराशाई कर दिया गया ।