राजनगर ओपन कास्ट माइंस में वसूली का अड्डा

उप क्षेत्रीय प्रबंधक का संरक्षण
अनूपपुर।एसईसीएल की राजनगर ओपन कास्ट माइंस इन दिनों वसूली का अड्डा बन गई है। यहां कोयले का काला खेल खुलेआम चल रहा है। सूत्र बताते हैं कि हर दिन सैकड़ों गाड़ियों की एंट्री होती है और वसूली का पूरा खेल टेक्निकल इंस्पेक्टर के संरक्षण में संचालित हो रहा है। सूत्रों के अनुसार, इस खेल में गेटकीपर, डिस्पैच विभाग, टेक्निकल इंस्पेक्टर और सेल्स विभाग एवं उप क्षेत्रीय स्तर अधिकारियों तक पैसों का बंटवारा किया जाता है। बड़े कोल माफिया महंगे गिफ्ट और रिश्वत देकर मनमाने तरीके से कोयला उठवा रहे हैं। आरओएम (रन ऑफ माइंस) कोयले की जगह सेटिंग के जरिए ट्रांसपोर्टरों को उच्च ग्रेड का कोयला दिया जा रहा है, जिससे माइंस को भारी नुकसान हो रहा है।

ग्रेड के खेल में सेटिंग

मिली जानकारी के अनुसार राजनगर ओपन कास्ट माइंस में उच्च ग्रेड का कोयला निकल रहा है, लेकिन इसे नियमों के अनुसार बेचने की बजाय सेटिंग कर ट्रांसपोर्टरों को बेचा जा रहा है। नियम के अनुसार, आरओएम कोयले को जिस स्थिति में खदान से निकाला जाता है, उसी रूप में बेचा जाना चाहिए। लेकिन टेक्निकल इंस्पेक्टर और ट्रांसपोर्टरों की मिलीभगत से लेबर लगाकर इसकी छंटाई करवाई जा रही है। सूत्रों के मुताबिक, माइंस के बाहर से अनधिकृत मजदूरों को बुलाकर मनचाही गाड़ियों में ऊंचे ग्रेड का कोयला भरा जा रहा है। इस खेल में मोटी रकम जेब में जा रही है, जिससे कंपनी को करोड़ों रुपए का नुकसान हो रहा है।

अनधिकृत लेबरों की एंट्री से बढ़ रहा खतरा, सुरक्षा नियम ताक पर

माइंस में बिना अनुमति के लेबरों की एंट्री करवाई जा रही है, जो अपने आप में बड़ा सवाल है। एसईसीएल के नियमों के अनुसार, कोयले को सीधे खदान से निकालकर बेचना होता है, लेकिन टेक्निकल इंस्पेक्टर की छूट के चलते बाहरी लेबरों को जबरन काम पर लगाया जा रहा है। बाहर से आए ये मजदूर कोयले की छंटाई कर ट्रांसपोर्टरों को मनचाहा ग्रेड दे रहे हैं। इस पूरी प्रक्रिया में गेट कीपर, डिस्पैच विभाग और अन्य अधिकारी भी शामिल हैं, जो मोटी कमाई कर रहे हैं।

हादसों को न्योता, कंपनी को भारी राजस्व नुकसान

कोल माइंस में अवैध मजदूरों से गाड़ियों पर चढ़कर कोयला बराबर करवाया जा रहा है, जोगंभीर हादसों को न्योता दे रहा है। ये मजदूर महज 100 की दिहाड़ी पर तीनों शिफ्ट में काम कर रहे हैं। कई बार गाड़ियों के ऊपर चढ़ते समय मजदूर गिरकर गंभीर रूप से घायल हो जाते हैं या जान गंवा देते हैं। कोल माइंस में सुरक्षा नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। न ही सुरक्षा उपकरण दिए जा रहे हैं और न ही किसी दुर्घटना की जिम्मेदारी लेने को तैयार है।

माइंस से निकलने वाले हर गेट पर सेटिंग, हर किसी की जेब गर्म

माइंस से निकलने वाले डिस्पैच गेट, मुख्य गेट और अन्य गेटों पर वसूली का खेल जारी है। हर स्तर पर अधिकारियों की जेब गर्म की जा रही है, जिससे यह कालाधंधा बेरोकटोक चल रहा है। सूत्रों के अनुसार, पूरे खेल में ऊपर तक पैसा पहुंचता है, इसलिए कोई कार्रवाई नहीं होती। गड़बड़ी पर रोक नहीं लगी, तो माइंस को करोड़ों का नुकसान होगा।

Leave a Reply