लेखक प्रतिक संघवी राजकोट गुजरात
- कई संस्थाएं और लोगो को भारतीय झंडा अधिनियम की माहिती ही नही है
- अगर यह 9 चीजों का ध्यान नहीं रखते तो झंडा अधिनियम के तहत हो सकती है सजा
- लोग नही लगा सकते अपने पर्सनल वाहनों में तिरंगा
- कुछ सालो से दिखावा इतना बढ़ गया हे की राष्ट्रीय प्रतिको का ध्यान नहीं रहता ?
- जानिए कोन कोन से हक और नियम है हमारे राष्ट्र ध्वज को लहराने के।
- हर एक नागरिक और संस्थाको यह जानना जरूरी
- एक सांसद के कार्यालय में 26 जनवरी का झंडा अबतक फटी हालत में लहराता हे?!
आजादी का पावन पर्व हमारे द्वार पर आ गया हे फिर से पूरा देश आजादी के जस्न में रंगने जा रहा है। और सभी लोग के सर पर इस दिनों में देश के प्रति एक अलग भावना और प्रेम होता हे जो हर नागरिक और संस्था अपने अपने तरीके से जाहिर करती हे। इस को ध्यान में रखते हुए 19 जुलाई 2022 को एक धारा एड हुई जिसमे देश का कोईभी नागरिक या संस्था या प्राइवेट कंपनी भी देश का झंडा लहरा सकता हे और वह भी 24 घंटे यानी की दिन और रात दोनो। पहले हमारा झंडा शाम को लहराने पर रोक थी।
अब जेसे जेसे यह चीज आगे बढ़ी और दिखावे का जमाना हावी हो गया तब सब संगठन और पक्ष भी कहा पीछे रहने वाले थे। बस सबने अपने हिसाब से झंडे का उपयोग चालू किया कोई यात्रा , तो कोई प्रदर्शन , तो कोई हर घर में तो कोई हर मोहल्ले पर झंडा लगाने या देश भक्ति दिखाने लगे। लेकिन आए जानते हे की इसकी नोंध लेकर भारत के गृह विभाग ने क्या पब्लिक नोटिस जाहिर किया हे और क्या देशप्रेम दिखाने में गलती तो नही हो रही?!
तो भारतीय झंडा अधिनियम 1971 और 2001 के हवाले से यह लेटर 9.8.2024 को प्रकाशित हुवा है जिसमे लिखा गया हे की पिछले सालो में हम झंडे को सम्मान जनक रीत से नही लहरा रहे हे या कुछ गलतियां हो रही हे। जिससे देश की आन बान और शान तिरंगे का जाने अंजाने अपमान हो रहा हे। उसके लिए उसने 9 चीजों के ध्यान रखने का पत्र या पब्लिक नोटिस जाहिर की है। जो संक्षिप्त में नीचे हे।
पहला हमारा झंडा सूती, उन , खादी , सिल्क और पॉलिस्टर के कापड़ से बना होना चाहिए । हालाकि पोलीस्टर के कपड़े को लास्ट में मंजूरी दी गई हे।
दूसरा भारत का कोई भी नागरिक , संस्था , सरकारी और गैर सरकारी संगठन हमारा झंडा उसके प्रोटोकॉल और झंडा सहिता के नियमो को पालन करते हुए सम्मान के साथ लहरा सकता हे।
तीसरा उक्त दिए कोईभी 19 जुलाई 2022 से झंडा अपने घरों पर या खुल्ले में दिन या रात लहरा सकता हे।
चौथा हमारे झंडे का अनुपात 3:2 ही होना चाहिए।
पांचवा जब कभी भी राष्ट्र ध्वज लहराया जाए तब उसकी स्थिति सम्मान जनक और पृथक होनी चाहिए।
छठा फटा हुबा और मेला झंडा प्रदर्शित नही किया जाना चाहिए।
सातवा झंडे को किसी और झंडे के साथ एक ही दंड में नही फहराना जाना चाहिए।
आठवां सहीता के भाग 3 और 4 के तहत झंडा सिर्फ राष्ट्र पति , उप राष्ट्रपति , प्रधान मंत्री आदि के सिवा अन्य लोगो के वाहनों पर नही फरहराया जाएगा।
नोवा किसी भी दूसरे झंडे या पताका को राष्ट्र ध्वज के बराबर या उसके ऊपर नही लगाना चाहिए।
इस नो बातो या चीजों का ध्यान रखकर हम अपने देश का झंडा आन बान और शान से लहराकर हमारी भावनाओं को जाहिर कर सकते हे। लेकिन उतनी ही जरूरी हे हमारे देश के राष्ट्र ध्वज का सनमान अगर यह नही रख सकते तो 1 दिन की देश भक्ति दिखाने का कोई मतलब नहीं रह जाता। और इसीलिए गृह विभाग को भी यह परिपत्र तत्काल रूप से लाना पड़ा और वह भी यह इन डायरेट बताने जा रहे हे की दिखावे से ज्यादा देश की शान जरूरी हे।मेने भी देखा हे कि हमारे यहां भी 1 सांसद ने 26 जनवरी का झंडा अब तक अपने कार्यालय से नही उतारा हे । और पिछले साल भी मुझको उसके स्टाफ को बोलके उतरवाना पड़ा था। और कितने घरों पे वैसे ही झंडे पड़े हे जो मेली और फटी हालत में हे। यह तो वह बात हो गई के एक दिन का देश प्रेम और पूरे साल देश का और उसके झंडे का अपमान। तो यह बात हमारे देश के नागरिक और नेताओं खास ध्यान रखेंगे और एक दूसरे को यह 9 नियम याद रखके ही झंडा हाथ में लेंगे। ऐसी आशा के साथ में अपनी कलम को विराम देता हु। अभी देश वासियों को स्वतंत्रता दिन की ढेर सारी शुभकामनाएं ।
जय हिंद।