9 नवंबर को होने वाले जुलूस की सफलता के लिए शांति और सुरक्षा पर जोर, वोलंटियर्स और निगरानी का किया गया प्रबंध:शाहजहां शाद
फारबिसगंज।
9 नवंबर 2024 को फारबिसगंज के आलम टोला में सीमांचल अधिकार मंच द्वारा गुस्ताख ए रसूल के खिलाफ होने वाले जुलूस की सफलता पर चर्चा के लिए एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता मंच के अध्यक्ष शाहजहां शाद ने की, जिसमें कई स्थानीय नेता और सदस्य शामिल हुए।
बैठक में यह स्पष्ट किया गया कि जुलूस पूरी तरह से शांतिपूर्ण तरीके से आयोजित किया जाएगा। नारेबाजी पर रोक लगाने का निर्णय लिया गया, जिससे किसी भी प्रकार की उत्तेजना या विवाद से बचा जा सके। इसके अतिरिक्त, जुलूस की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए वोलंटियर्स की तैनाती की जाएगी। ये वोलंटियर्स जुलूस में शामिल लोगों को उचित दिशा-निर्देश देंगे और किसी भी अप्रिय घटना को टालने में मदद करेंगे।
बैठक में निर्णय लिया गया कि जुलूस की वीडियो ग्राफी और ड्रोन से निगरानी की जाएगी, ताकि आयोजन की हर गतिविधि पर नजर रखी जा सके।
मंच के अध्यक्ष शाहजहां शाद ने कहा, “हमारी एक ही मांग है कि गुस्ताख ए रसूल को फांसी की सजा दी जाए। यह कदम भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यक है, ताकि कोई भी व्यक्ति हमारे नबी की शान में गुस्ताखी करने का साहस न कर सके।”
बैठक में प्रमुख रूप से शामिल सदस्य थे:शाहजहां शाद (अध्यक्ष),इकराम अंसारी (सचिव),मौलाना अब्दुल रहमान कासमी (कोषाध्यक्ष),गुड्डू अली,
राशिद जुनैद,मौलाना आस मोहम्मद,वाहिद अंसारी,इरफान अंसारी,खताब अंसारी,नौशाद अहमद,हाजी तहसीन दिलशाद अहमद,कपिल अंसारी,सैफ अली,मौलाना फिरोज नोमानी,
इरशाद सिद्दीकी,मुमताज सलाम,
मुख्तार आलम (सरपंच प्रतिनिधि),मास्टर तारिक अनवर,
औरंगजेब,जावेद अख्तर,हाफिज उमर फारूक,मुफ़्ती याकुब,मो० असगर।
सभी सदस्यों ने संकल्प लिया कि वे मिलकर इस जुलूस को ऐतिहासिक बनाने के लिए कार्य करेंगे। बैठक के अंत में, यह भी चर्चा की गई कि जुलूस में शामिल सभी लोगों को स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए जाएंगे, जिससे आयोजन सुरक्षित और व्यवस्थित रहे।
इस बैठक के जरिए सीमांचल अधिकार मंच ने एकजुटता और संगठन के साथ इस महत्वपूर्ण आयोजन को सफल बनाने की अपनी प्रतिबद्धता को दर्शाया।