प्रकृति के गोद में स्थित बाबा तिल्ला पाठ ठाकुर सदियों से है श्रद्धालुओं का आस्था का केंद्र

फुलचांद पारित, समाज जागरण, प्रखंड संवाददाता, नीमडीह

चांडिल : भक्ति में अपार शक्ति है इसका उदाहरण अक्सर देखने मिलता है। झारखंड के रोहिण पर्व में भक्त अपने पीठ के चमड़े पर लोहे की अंकुश डालकर लकड़ी के सहारे जमीन से 25 से 50 फिट ऊंचाई में घूमते हैं, चड़क पूजा में श्रद्धालु धधकती अंगारों पर नंगे पैर चलते हैं यह सब भक्ति का चमत्कार है। ऐसे अनेक चमत्कार आस्था और विश्वास करने वाले पवित्र भारत भूमि के कोने कोने में देखा जा सकता है। इस प्रकार के भारत में हजारों चमत्कारी एवं अलौकिक मंदिर एवं देव स्थल है। झारखंड राज्य में भी अनेक अलौकिक देव स्थल मौजूद है। सरायकेला खरसावां जिला में भी दर्जनों आस्थाओं का देव स्थल है। नीमडीह प्रखंड के होदागोड़ा पर्वत चोटी में स्थित है सदियों से श्रद्धालुओं का आस्था का केंद्र बाबा तिल्ला पाठ ठाकुर देव स्थल। जंहा बारह महीने श्रद्धालु पूजा अर्चना करने पहुंचते है। शाल, बहड़ा, नीम, करंज, करम, काजू आदि बड़े बड़े वृक्षों के बीच प्रकृति के मनोरम सौंदर्य में स्थित बाबा तिल्ला पाठ ठाकुर देव स्थल नीमडीह प्रखंड के साथ अन्य क्षेत्र के श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र है। देव स्थल का दुरी राष्ट्रीय राजमार्ग 32 से लगभग दो किलोमीटर है। यहां पहुंचते ही मोर, कोयल, टिटहरी, मैना आदि पक्षियों की चहचहाहट, भंवरों की गुनगुनहट, बनफुल की महक से स्वर्गीय सुख एवं आत्मिक शांति का अनुभव होता है।

श्रद्धा से जो भी मन्नते मांगी जाती है निश्चित पूरी होती : लाया सागर सिंह सरदार

श्रद्धालुओं में आस्था है कि बाबा तिल्ला पाठ ठाकुर देव स्थल में पूजा अर्चना कर सच्चे मन से जो भी मन्नते मांगी जाती है निश्चित रूप से पूरी होती है। लाया सागर सिंह सरदार ने कहा कि उनके पूर्वजों द्वारा लाया के रूप में सदियों से तिल्ला पाठ बाबा का पूजा अर्चना किया जाता था, अब वे करते हैं। यहां के विकास से भक्तों की सदियों पुरानी अभिलाषा पूर्ण होगी। उन्होंने कहा कि तिल्ला पाठ बाबा का पूजा अर्चना काफी साल पहले से होदागोड़ा, रामनगर, तिल्ला, जामडीह, कुशपुतुल आदि गांव के श्रद्धालुओं द्वारा किया जाता है। इस स्थल का धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होने से भक्तों में आस्था के साथ स्थानीय लोगों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार का अवसर प्राप्त होगा।