सोन बील के विकास के लिए सांसद कृपानाथ माल्लाह की सक्रिय पहल, फाकुआवासियों ने रेलवे विभाग को सौंपा स्मारक पत्र

श्रीभूमि संवाददाता, दैनिक समाज जागरण

दक्षिणी असम के श्रीभूमि जिले में स्थित एशिया की सबसे बड़ी मीठे पानी की झील “सोन बील” के समग्र विकास की दिशा में स्थानीय जनप्रतिनिधि और नागरिक लगातार प्रयासरत हैं। इसी क्रम में, फाकुआ क्षेत्र के सैकड़ों नागरिकों ने दिनांक ३ नवंबर को रेलवे विभाग के महाप्रबंधक (जीएम) को एक स्मारक पत्र ईमेल के माध्यम से भेजा। इस पत्र में क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास और पर्यटन को प्रोत्साहन देने के लिए फाकुआ रेलवे स्टेशन पर गौहाटी-दुल्लभछड़ा एक्सप्रेस ट्रेन का ठहराव सुनिश्चित करने की मांग की गई।



स्मारक पत्र में उल्लेख किया गया है कि फाकुआ क्षेत्र में लगभग ६५ गाँवों में एक लाख से अधिक की जनसंख्या निवास करती है। यह क्षेत्र “सोन बील” झील के किनारे स्थित है, जिसकी लंबाई १२.५ किलोमीटर, चौड़ाई ३.९ किलोमीटर तथा औसत गहराई १५ फीट है। मत्स्य पालन यहाँ की प्रमुख आजीविका है, जबकि झील की प्राकृतिक सुंदरता के कारण यह पर्यटन का एक महत्वपूर्ण केंद्र बन चुका है।

पर्यटकों की बढ़ती संख्या और स्थानीय युवाओं की रोजगार आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए, श्रीभूमि के सांसद कृपानाथ माल्लाह ने गत १४ अक्टूबर को गुवाहाटी के मलिगांव स्थित रेलवे महाप्रबंधक कार्यालय में एक विशेष बैठक की थी। बैठक में सांसद ने सोन बील क्षेत्र में पर्यटक सुविधाओं के विकास, रेलवे संपर्क बढ़ाने और फाकुआ स्टेशन पर ट्रेन के ठहराव की मांग को प्रमुखता से उठाया।

स्थानीय नागरिकों ने सांसद माल्लाह की इस सक्रिय पहल की सराहना की है और साथ ही क्षेत्र के विकास में निरंतर सहयोग के लिए सेवानिवृत्त एडीसी नीलमनी दास को भी धन्यवाद ज्ञापित किया है।

जनप्रतिनिधियों और नागरिकों के संयुक्त प्रयासों से यह उम्मीद की जा रही है कि शीघ्र ही सोन बील क्षेत्र को पर्यटन और मत्स्य उद्योग के साथ-साथ रेलवे संपर्क के क्षेत्र में भी नई पहचान मिलेगी।

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