एसपी सिंह बघेल कभी मुलायम सिंह यादव की सुरक्षा में थे, आज अखिलेश यादव को दे रहे सीधी चुनौती

आगरा। आगरा लोकसभा सीट से केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल मैदान में हैं। 2009 से ही ये सीट बीजेपी के पास है। बघेल ने पिछले लोकसभा चुनाव में गठबंधन की तरफ से चुनाव लड़ रहे बीएसपी प्रत्याशी मनोज सोनी को 2 लाख से ज्यादा वोटों से हराया था। इस बार बीएसपी ने यहां पूजा अमरोही को उम्मीदवार बनाया है, वहीं सपा के सुरेश चंद्र कर्दम चुनावी मैदान में हैं। मोदी सरकार में मंत्री बने प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल की राजनीतिक कहानी बड़ी रोचक और रोमाचंक है। आइए जानते हैं उनका राजनीतिक सफर।

मुलायम सिंह यादव की सुरक्षा में थे

राजनीति में आने से पहले एसपी सिंह बघेल उत्तर प्रदेश पुलिस में सब-इंस्पेक्टर थे। एसपी सिंह बघेल को पहली अहम जिम्मेदारी तत्कालीन मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी का सुरक्षागार्ड बनने की मिली। 1989 में मुलायम सिंह यादव के मुख्यमंत्री बनने के बाद बघेल उनके सुरक्षा में शामिल किये गये। एसपी सिंह अपनी ईमानदारी और लगन से मुलायम सिंह यादव के करीबी लोगों में शामिल हो गए। नौकरी के इस्तीफा देने के बाद आगरा कॉलेज में सैन्य विज्ञान में प्रोफेसर रहे।

ऐसे हुई राजनीति करियर की शुरुआत

1998 के विधानसभा चुनाव में मुलायम सिंह यादव के कहने पर बघेल को टिकट दिया गया। जलेसर सीट से एसपी सिंह बघेल ने जीत दर्ज की। यहीं से उनके राजनीतिक करियर की शुरुआत हुई। साल 2009 के लोकसभा चुनाव से पहले उन्होंने बीएसपी जॉइन कर ली और समाजवादी पार्टी के खिलाफ आवाज बुलंद की। 2014 के चुनाव में उन्होंने समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव के बेटे अक्षय यादव को ही चुनौती दे डाली। इस चुनाव में उनकी हार हुई।

2014 के लोकसभा चुनाव के बाद बीजेपी में शामिल हो गए और 2017 के विधानसभा चुनाव में टूंडला से जीत हासिल की। इसके बाद उन्हें योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाया गया। 2019 के लोकसभा चुनाव में आगरा सुरक्षित सीट से लड़ाया। इस सीट पर दो बार से भाजपा के डॉ. राम शंकर कठेरिया सांसद थे। उन्हें इटावा से चुनाव लड़ाया गया। दोनों सीटों पर भाजपा ने जीत दर्ज की। उन्हें केंद्रीय विधि एवं न्याय राज्यमंत्री बनाया गया।

2022 में अखिलेश को दी थी कड़ी टक्कर

2022 के विधानसभा चुनाव में प्रो. एसपी सिंह बघेल सपा के गढ़ करहल से सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के सामने चुनाव लड़ाया, उन्होंने कड़ी चुनौती दी। अखिलेश यादव को करहल में चुनाव प्रचार में उतरने को मजबूर कर दिया। करहल से चुनाव हारने के बाद उन्हें केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री बनाया गया। अंगदान के लिए देशभर में आंदोलन शुरू किया।

दोबारा बीजेपी ने बनाया प्रत्याशी

प्रो. एसपी सिंह बघेल सदन में सक्रियता के साथ ही अपने क्षेत्र में भी सक्रिय रहे। बेदाग छवि के साथ ही लोगों के बीच में रहकर समस्याएं सुनीं। भले ही संघ की पृष्ठभूमि नहीं रही, लेकिन संघ पदाधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के बीच में उनकी स्वीकारोक्ति से दोबारा भाजपा से लोकसभा चुनाव लड़ने का रास्ता साफ कर दिया।

प्रमोद कुशवाह कि रिपोर्ट

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *