जरवल बहराइच….
जरवल कस्बा में आज सुहागिनों ने वटवृक्ष की पूजा कर पति की लम्बी उम्र की कामना की।
पति की लम्बी उम्र के लिए रखे जाने वाला वट सावित्रि व्रत आज सुहागिनों ने बड़े धूमधाम से मनाई।सुहाग के जोड़े में पूजा की थाली लेकर वटवृक्ष (बरगद पेड़) के चारों तरफ फेरे लगाकर पूजा कर अपने पति की लम्बी उम्र की कामना की।
नगर के कुछ महिलाओं ने तो बरगद के पेड़ की डाल को घर में रखकर ही अपने व्रत को सम्पन्न किया है।
उल्लेखनीय है कि, वट सावित्री व्रत ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि के दिन मनाया जाता है। इस दिन सुहागिन स्त्रियां बरगद के पेड़ की पूजा करती हैं और अपने पति की लम्बी उम्र की कामना करती हैं। वट सावित्री व्रत सौभाग्य प्राप्ति के लिए शुभ माना जाता है। यह व्रत भी एक कथा से जुड़ी हुई है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन सावित्री ने अपने पति सत्यवान के प्राण वापस लौटाने के लिए यमराज को भी विवश कर दिया था। इस व्रत के दिन सत्यवान-सावित्री कथा को भी पढ़ा या सुना जाता है।
*एक दिन पहले तैयारियों में जुटी थीं महिलाएं*
वट सावित्री व्रत की तैयारियों को लेकर एक दिन पहले से ही सुहागिनें तैयारियों में जुट जाती हैं। सुबह उठकर पूजा सामग्री बनाती है। इसके बाद वह सजधज कर बरगज की पूजा करने जाती है। इसके बाद वह घर पर आकर कमरे के मुख्य द्वार की पूजा करती है। इसके बाद जल को ग्रहण करती हैं।
*क्यों की जाती है बरगद के वृक्ष की पूजा?*
वट सावित्री व्रत में बरगद के पेड़ की पूजा की जाती है। हिंदू धर्म में बरगद का वृक्ष पूजनीय माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार, इस वृक्ष में सभी देवी-देवताओं का वास होता है। इस वृक्ष की पूजा करने से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। यही कारण है कि इस दिन बरगद के पेड़ की पूजा शुभ मानी जाती है।