*टाटा मोटर्स में बहाली का रास्ता को लेकर टाटा मोटर्स यूनियन ने श्रमायुक्त के साथ किए वार्ता*



अभय कुमार मिश्रा, दैनिक समाज जागरण, संवाददाता, जमशेदपुर

जमशेदपुर (झारखंड) 10 जनवरी 2024:–टाटा मोटर्स में बहाली का रास्ता खोला जाय, एकमुश्त बहाली की संख्या बढ़े, स्थायीकरण का रोडमैप हमेशा के लिए तैयार हो, टाटा मोटर्स यूनियन ने श्रमायुक्त के साथ हो रही वार्ता को लेकर
दिया दो टूक जवाब

जमशेदपुर के टाटा मोटर्स की अधीकृत यूनियन टाटा मोटर्स वर्कर्स यूनियन कर्मचारियों के बच्चों के स्थायीकरण को पहले की तरह जारी रखते हुए वर्तमान में एकमुश्त स्थायीकरण की संख्या बढ़ाने और नये बहाल लोगों को दूसरे प्लांट में स्थानांतरण का विरोध कर रही है. इसको लेकर वे लोगमैनेजमेंटऔर श्रम विभाग से बात कर रहे है ताकि मजदूर हितों में फैसला किया जा सके. इसको लेकर वे लोग वार्ता के जरिये ही मसला को सुलझाना चाहते है. यह जानकारी टाटा मोटर्स वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष गुरमित सिंह तोते, महामंत्री आरके सिंह और सलाहकार प्रवीण सिंह ने संवाददाता सम्मलन म दा.उन्होंने बताया कि झारखंड हाईकोर्ट के आदेश के आलोक में श्रमायुक्त ने एकमुश्त सारे बाइसिक्स को बहाल करने का निर्देश टाटा मोटर्स को दिया था. इस निर्देश के आलोक में टाटा मोटर्स द्वारा यह प्रस्ताव दिया गया है कि वे लोग एक साल में 600 अस्थायी कर्मचारी को बहाल करेंगे और बचे हुए सारे 2700 बाइसिक्स और टेम्पोरेरी की वे लोग परमानेंट कर देंगे, लेकिन फिर किसी की बहाली नहीं लेंगे और यह भी प्रस्ताव दिया है कि जो बहाल होंगे, उसका इस्तेमाल टाटा मोटर्स के दूसरे प्लांट में भी किया

जायेगा, जहां जरूरत होगी. टाटा मोटर्स यूनियन ने इस पर आपत्ति जतायी है और कहा है कि वर्तमान में जिस तरह से बहाली हो रही है,रजिस्ट्रेशन हो रहा है, उसके आधार पर कर्मचारियों के बच्चों की बहाली का रास्ता खुला रहना चाहिए और स्थायीकरण की जो संख्या है, वह 600 से अधिक होना चाहिए ताकि जल्द से जल्द बाइसिक्स सारे बहाल हो जाये. इसके बाद नयी बहाली का भी रोडमैप तैयार कर एक समझौता किया जाये. इसको लेकर श्रमायुक्त के पास दलील दी जा चुकी है. इस मामले को लेकर राजनीति करने को लेकर टेल्को वर्कर्स यूनियन के पदाधिकारियों पर कड़ी आपत्ति जतायी है और कहा है कि टेल्को वर्कर्स यूनियन के लोग बेवजह कंपनी को अशांत करना चाहते है.यूनियन को अशांत करना चाहते है. कंपनी अगर चलेगी तो रोजी रोटी सबकी चलेगी, इस सिद्धांत के साथ इंटक काम करती है और आगे भी करेगी.लेकिन कंपनी को बचाते हुए रोजगार के अवसर पैदा होता रहे, यह कोशिश है. हर साल स्थायीकरण होती ही रहती है, लेकिन इसका अगर एकमुश्त समाधान होना है तो एकसाथ हो जाये, लेकिन भविष्य में भी बहाली का रास्ता खुल रहे , यह यूनियन चाहती है।