आनंद कुमार.
समाज जागरण.
दुद्धी/ सोनभद्र। सनातन धर्म में नवरात्रि पर्व का विशेष महत्व है. चैत्र नवरात्र से ही भारतीय नव वर्ष की शुरुआत होती है. इस साल चैत्र नवरात्र का आरंभ 30 मार्च रविवार को हो रहा है और यह 6 अप्रैल रविवार तक चलेगा. हालांकि इस बार अष्टमी और नवमी एक ही दिन पड़ रहे हैं. ऐसे में चैत्र 9 के बजाय 8 दिन के होंगे. नवरात्र का पर्व साल भर में दो गुप्त नवरात्रि, चैत्र एवं शारदीय नवरात्र सहित चार नवरात्रि मनाई जाती है. माघ और आषाढ़ माह में गुप्त नवरात्र आती है. इसमें मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए 10 महाविद्याओं की पूजा की जाती है, जबकि चैत्र माह की नवरात्रि को चैत्र नवरात्रि एवं आश्विन माह में आने वाली नवरात्रि को शारदीय नवरात्र कहा जाता है. इस दौरान मां दुर्गा के 9 अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है. अंतिम दिन कुंवारी कन्याओं को भोजन कराकर मां का आशीर्वाद लिया जाता है. हिंदू मान्यता के अनुसार इस वर्ष नवरात्रि की शुरुआत रविवार को होने के कारण आदिशक्ति मां दुर्गे का आगमन गज की सवारी पर होगा. इस बार 8 दिन ही व्रत रखा जाएगा लेकिन, माता के नौ स्वरूपों की पूजा होगी. चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा की तिथि 29 मार्च शाम 4 बजकर 27 मिनट से शुरू हो रहा है, ज्योतिष मार्च दोपहर 12 बजकर 49 मिनट पर समाप्त होगी. इस बार चैत्र नवरात्र में पहला मुहूर्त सुबह 6 बजकर 13 मिनट से 10 बजाकर 22 मिनट तक है, जबकि दूसरा मुहूर्त घट स्थापना का अभिजित मुहूर्त दोपहर 12:01 बजे से 12:50 बजे तक है. श्री संकट मोचन मंदिर दुद्धी के पुजारी कल्याण मिश्र ने बताया कि चैत्र मास शुक्ल पक्ष प्रतिपदा से नए सवंत् सर के साथ नवरात्र भी आरंभ हो रहे हैं. यह संयोग 10 साल बाद बन रहा है. इस दिव्य संयोग पर मां दुर्गा की पूजा करना अति फलदाई होगा. उन्होंने बताया कि नवरात्र में चार दिन सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा. कलात्मक योग, पद्मयोग, सौभाग्य योग, शोभन योग एवं इंद्रयोग भी रहेंगे. इन दिनों में सभी शुभ कार्य सफलतापूर्वक संपन्न होने का योग बनेगा. उन्होंने बताया कि इस बार तृतीय तिथि का क्षय है जिस कारण नवरात्र 8 दिन के मनाए जाएंगे।