समाज जागरण पटना जिला संवाददाता:- वेद प्रकाश
पटना/ पटना में उस समय सनसनी फैल गई जब बिहार भाजपा के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल के निजी सुरक्षा गार्ड ने खुदकुशी कर ली। यह घटना सचिवालय थाना क्षेत्र के एमएलसी हाउस नंबर 21 में हुई, जहां गार्ड आशुतोष मिश्रा ने अपनी लाइसेंसी पिस्टल से खुद को गोली मार ली। घटना के समय दिलीप जायसवाल अपने आवास पर मौजूद नहीं थे। मृतक गार्ड की पहचान गया जिले के टेकारी थाना क्षेत्र निवासी आशुतोष मिश्रा के रूप में हुई है। वह दिलीप जायसवाल के हाउस गार्ड के तौर पर तैनात थे। घटना सोमवार को घटी, जब उन्होंने अपनी ही लाइसेंसी पिस्टल से खुद को गोली मार ली। गोली लगते ही मौके पर अफरा-तफरी मच गई। सूचना मिलते ही सचिवालय थाने की पुलिस और फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (एफएसएल) की टीम घटनास्थल पर पहुंची और जांच शुरू की। सचिवालय थानाध्यक्ष संजीव कुमार ने पुष्टि करते हुए कहा कि यह आत्महत्या का मामला प्रतीत हो रहा है। पिस्टल से चली गोली की पुष्टि हो चुकी है। हालांकि, आत्महत्या के पीछे की वजह अभी स्पष्ट नहीं हो पाई है। पुलिस सभी पहलुओं से जांच कर रही है, जिसमें यह भी देखा जा रहा है कि क्या कोई मानसिक तनाव या पारिवारिक कारण इस आत्मघाती कदम के पीछे हो सकते हैं। घटना के वक्त भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल अपने सरकारी आवास पर मौजूद नहीं थे। इस बात की भी जांच की जा रही है कि आखिरी बार गार्ड किससे मिला था और उसकी मनःस्थिति कैसी थी। बता दें कि दिलीप जायसवाल को हाल ही में, 4 मार्च 2025 को, बिहार भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। इससे पहले वे राज्य सरकार में राजस्व मंत्री के पद पर कार्यरत थे, लेकिन उन्होंने 26 फरवरी 2025 को इस पद से इस्तीफा दे दिया था। वे सीमांचल क्षेत्र के प्रभावशाली नेता माने जाते हैं और लगातार तीन बार विधान परिषद के सदस्य रह चुके हैं। इसके अलावा जायसवाल 21 वर्षों तक बिहार भाजपा के कोषाध्यक्ष के पद पर कार्यरत रहे हैं और संगठन में उनकी एक मजबूत पकड़ मानी जाती है। ऐसे समय में जब वे नए पद की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं, यह घटना उनके लिए भी चिंता का विषय बन गई है। घटना के बाद स्थानीय स्तर पर भी तनाव और अफसोस का माहौल है। गार्ड की आत्महत्या ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। पुलिस प्रशासन ने लोगों से अफवाहों से बचने और जांच पूरी होने तक संयम बरतने की अपील की है। अब सबकी नजरें पुलिस जांच पर टिकी हैं, जिससे यह साफ हो सके कि एक जिम्मेदार सुरक्षा कर्मी को ऐसा आत्मघाती कदम उठाने के लिए आखिर क्या मजबूर किया।