दिव्यांग युवाओं को आजीविका से जोड़कर आत्मनिर्भर बनाने का कार्य सम्भव:

दिव्यांग युवाओं का 10 दिवसीय आजीविका स्वरोगार प्रशिक्षण सम्पन्न।
समाज जागरण अनिल कुमार
हरहुआ वाराणसी। दिव्यांग युवाओं को आजीविका से जोड़कर आत्मनिर्भर बनाने का कार्य सम्भव होगा।
उक्त बातें जन विकास समिति के निदेशक फादर चंद्रन रेमण्डस ने प्रशिक्षण प्राप्त युवाओं को सम्बोधित करते हुए व्यक्त की।
‘जन विकास समिति’ एवं ‘इनेवल इंडिया’ के संयुक्त तत्वाधान में यूनियन बैंक ऑफ इंडिया द्वारा संचालित आरसेटी स्वरोगार प्रशिक्षण केन्द्र आयर के सहयोग से 10 दिवसीय 35 दिव्यांग युवाओं 21 युवक व 14 युवतियों को आजिविका से जोडने के लिए प्रशिक्षण दिया गया।


इस प्रशिक्षण में दिव्यांगो को विभिन्न प्रकार के आजिविका से सम्बन्धित प्रशिक्षण जैसे डिटरजेन्ट पाउडर, फिनायल, टॉयलेट क्लीनर, साबुन, हैण्ड वॉस, फेस वॉस, गुलाब जल, अगरबत्ती, धूपबत्ती, डिसवास इत्यादि बनाने का प्रशिक्षण दिया गया।
दिव्यांगजन को इस प्रशिक्षण के द्वारा उद्यमी बनाने हेतु एक प्रयास है जो उन्हें भविष्य में रोजगार करने एवं आर्थिक विकास करने में कारगर साबित होगा।
‘जन विकास समिति’ एवं ‘इनेवल इंडिया’ का प्रयास है कि प्रशिक्षण के उपरान्त दिव्यांगजन को बैंक लिंकेज द्वारा माइक्रोलोन कराकर विभिन्न तरह के प्रोडक्ट का उत्पादन दिव्यांगजनो के द्वारा किया जाय, ताकि दिव्यांगजन आत्मनिर्भर होकर आत्मनिर्भर भारत बनाने में अपना योगदान दे सके।

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