देते हैं भगवान को धोखा…माता की ज्योत में हेरा फेरी

*उमरिया—- वर्षों पहले मनोज कुमार की एक फिल्म का एक गीत बेहद लोकप्रिय हुआ था। गीत के बोल थे , कि *देते हैं भगवान को धोखा, इंसा को क्या छोड़ेंगे। लालची मानव
ने जब भगवान के साथ धोखाधड़ी करने में माहिर हैं तो वह मानव को बक्सने वाला नहीं है ।
उमरिया जिले के बिरसिंहपुर पाली में स्थित विख्यात बिरासनी माता के मंदिर में हर नवरात्रि में ज्योति कलशों की स्थापना की जाती है, इस बासंतीय नवरात्रि में भी ज्योति कलशों की स्थापना की गयी थी । बिरासनी माता का यह प्रसिद्धि रत मंदिर में धार्मिक परंपरा के प्रावधानों के अनुरूप तेल और घी के दीपक जलायें जातें हैं जो कि अनवरत रूप से नवरात्रि के नौ दिनों में भी अखंड दीप जलता है। माता की ज्योत के लिए शुद्ध देसी घी अथवा तिल के तेल के उपयोग का प्रावधान है, न मिलने की स्थिति में सरसों के तेल का उपयोग किया जा सकता है।
इस नवरात्रि में मंदिर प्रबंध समिति जिसके अध्यक्ष पदेन रूप से कलेक्टर उमरिया हैं । मंदिर प्रबंध समिति माननीय कलेक्टर महोदय के कुशल निर्देशन में सतत् रूप से कार्य करतीं हैं । इस नवरात्रि तेल और घी के लिए निविदा आमंत्रित कर क्रय करने की प्रक्रिया अपनाई गई थी , जिसके लिए जो दर तय की गयी उसमें तेल किलो के मान से खरीदा गया था , लेकिन जब तेल की आपूर्ति लीटर के मान से की गयी । बताया जाता है कि इस नवरात्रि में 1350 किलो तेल खरीदीं के आदेश जारी किये गये थे । मंदिर के जानकार सूत्रों की मानें तो यह आपूर्ति लीटर के मान से की गयी है । बताया तो यह भी जाता है कि इस नवरात्रि में 15 लीटर के कुल 90 डिब्बे तेल की आपूर्ति मंदिर में की गयी है।। सर्व विदित है कि किलोग्राम और लीटर की मात्रा में अंतर होता है। एक लीटर तेल में 910 ग्राम की मात्रा ही आती है। किलोग्राम में आदेश कर लीटर में तेल क्रय करना कहां की होशियारी है।लीटर में स्वीकारने का मतलब है कि हर किलों में 90 ग्राम तेल का चूना क्रय समिति कों लगा है।
आमतौर पर देखा जाय तो यह मामूली हेराफेरी है ,परंतु जब बात 1350 किलो पर हों तो यह मात्रा काफ़ी हो जाती है। इस तरह तेल खरीदीं में हुए घाल मेल से एक सवाल हर एक के जेहन में हलचल मचा रखा है कि की मंदिर प्रबंध समिति क्रय के नाम पर कब कितने का खेल खेल जाये , क्योंकि प्रश्न तेल किलो की जगह लीटर में लेने, स्वीकार करने की नहीं है, यह तो मंदिर प्रबंध समिति के नियत पर ही तीखे सवाल खड़े कर रहीं है। बताया जाता है कि भक्तों की आस्था के साथ हो रहे इस खिलवाड़ की शिकायत कतिपय भक्तों ने मुख्यमंत्री मोहन यादव से करके पूरे मामले की सूक्ष्मतम जांच करायें जाने मांग की है। देखना लाजिमी होगा कि लाखों श्रद्धालुओं की आस्था से जुड़े मामले में क्या कार्यवाही होती है ।