गुदडी के लाल कर्पूरी ठाकुर को किया गया श्रद्धा सुमन अर्पित.

दैनिक समाज जागरण रिपोर्ट राजकुमार भगत

पाकुड/जननायक करपुरी ठाकुर पुष्पांजलि अर्पित करने हेतु छोटी अलीगंज पाकुड़ में एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन घर उनके तस्वीर पर नाई समाज उत्थान समिति के जिला अध्यक्ष डॉ देवानंद ठाकुर,जिला सचिव मनोज ठाकुर ,कोषा अध्यक्ष सदानंद ठाकुर, रवि ठाकुर सचिन ठाकुर संजय ठाकुर संतोष ठाकुर अनंत राय पवन राय नीरज कुमार आदि ने उनके तस्वीर पर श्रद्धासुमन अर्पित किए, इस संबंध में नाई समाज उत्थान समिति के अध्यक्ष डॉक्टर देव कांत ठाकुर ने बताया कि गुदड़ी के लाल कर्पूरी ठाकुर के जीवनशैली से भारत के प्रत्येक नागरिक भली भांति परिचित है। बिहार की सोंधी और उर्वर मिट्टी में 24 जनवरी, 1924 हुआ था।बिहार के जननायक गरीबों के मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर बिहार के समस्तीपुर के पितौंझिया (अब कर्पूरीग्राम) में जन्मे कर्पूरी ठाकुर बिहार में एक बार उपमुख्यमंत्री, दो बार मुख्यमंत्री और दशकों तक विधायक और विरोधी दल के नेता रहे। जननायक 1952 की पहली विधानसभा में चुनाव जीतने के बाद वे बिहार विधानसभा का चुनाव कभी नहीं हारे। राजनीति में लंबा सफ़र बिताने के बाद जब उनका निधन हुआ।तब उनके परिवार को विरासत में दने के लिए एक मकान तक नहीं था। वे न तो पटना में, न ही अपने पैतृक घर में वो एक इंच जमीन जोड़ पाए, जननायक कर्पूरी ठाकुर को लेकर बिहार राज्य पिछड़ा आयोग के सदस्य रहे मुख्यमंत्री रहते कर्पूरी ठाकुर हर दिन पटना में जरूर मौजूद रहते थे। इस दौरान बिहार भर से गरीबों का हुजूम पहुंचता, वे अपनी पीड़ा सुनाते, कर्पूरी ठाकुर उनकी समस्या को सुनकर समाधान करते थे।लोगों की सुनते थे।
मुख्यमंत्री के तौर पर लोगों की समस्या को लेकर अधिकारियों को तत्काल फोन करते। समस्या के निवारण का निर्देश देते। उसके साथ ही कई अधिकारियों को पत्र भी लिखते, इतना ही नहीं दूर से आने वाले लोगों से एक निवेदन भी करते। जननायक उनसे कहते कि-इतना पैसा लगाकर आने की जरूरत क्या थी? मैं खुद आपके इलाके में आने वाला था। कर्पूरी ठाकुर गरीबों को नम्र भाव से ये बात समझाते थे। नई उत्थान समिति पाकुड़ ने सरकार से हमारी मांग है कि पाकुड़ में कर्पूरी ठाकुर जी का एक भव्य मूर्ति हो , कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न से सम्मानित किया जाय।मौके पर मनोज ठाकुर, कोषाध्यक्ष सादानंद ठाकुर, रवि ठाकुर अन्य उपस्थित रहे।