समाज जागरण पटना जिला संवाददाता:- वेद प्रकाश
पटना/ दानापुर छावनी में सेना भर्ती परीक्षा के दौरान धांधली का प्रयास कर रहे सॉल्वर गैंग के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है। आर्मी इंटेलिजेंस लखनऊ की टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर इन आरोपियों को पकड़ा। पकड़े गए व्यक्तियों की पहचान मध्य प्रदेश के बैतूल जिले के निवासी सुभाष यादव (25) और ललन यादव (24) के रूप में हुई है।आरोपियों को कैंट एरिया से गिरफ्तार किया गया। उनके पास से दो मोबाइल फोन और एक इलेक्ट्रॉनिक कॉल रिसीवर डिवाइस बरामद किया गया, जिसका उपयोग परीक्षा में नकल करवाने के लिए किया जाना था। पूछताछ में दोनों ने स्वीकार किया कि वे 12 जनवरी 2025 को दानापुर छावनी में होने वाली टेरिटोरियल आर्मी की परीक्षा में अभ्यर्थियों को नकल करवाने की योजना बना रहे थे। इनकी गिरफ्तारी से यह स्पष्ट होता है कि सेना भर्ती परीक्षाओं में धांधली करने वाले संगठित गिरोह सक्रिय हैं। ऐसे गिरोह तकनीकी उपकरणों और सॉल्वर की मदद से परीक्षाओं में अनुचित साधनों का उपयोग कर अभ्यर्थियों को अनुचित लाभ पहुंचाते हैं। मिलिट्री इंटेलिजेंस लखनऊ की टीम ने न केवल इन आरोपियों को पकड़ा बल्कि पूरे बिहार में ऐसे गिरोहों पर नजर रखने के लिए अभियान तेज कर दिया है। टीम का उद्देश्य सेना भर्ती परीक्षाओं को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाए रखना है। यह मामला इस बात को भी रेखांकित करता है कि आर्मी इंटेलिजेंस भर्ती प्रक्रिया को फर्जीवाड़े से बचाने के लिए सतर्क और सक्रिय है। गिरफ्तार किए गए आरोपियों को दानापुर पुलिस को सौंप दिया गया है। पुलिस अब इस गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश में जुट गई है। इसके साथ ही उन अभ्यर्थियों की भी जांच की जा रही है, जो इन गिरोहों के संपर्क में हो सकते हैं। यह घटना उन चुनौतियों को उजागर करती है, जिनका सामना भर्ती परीक्षाओं में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए करना पड़ता है। खासकर सेना जैसी प्रतिष्ठित संस्थाओं की परीक्षाओं में इस तरह की गतिविधियां देश की सुरक्षा और प्रतिष्ठा पर सवाल खड़े करती हैं। ऐसे मामलों को रोकने के लिए तकनीकी उपायों के साथ-साथ कड़े कानून और सतर्कता की जरूरत है। दानापुर की यह घटना एक गंभीर समस्या की ओर इशारा करती है, जिससे निपटने के लिए सुरक्षा एजेंसियों को व्यापक रणनीति बनानी होगी। यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि योग्य उम्मीदवार ही सेना का हिस्सा बनें।