बिरसा दमोह सा.वनपरिक्षेञ ने वनकर्मियों की शहादत को नमन कर दी श्रद्धांजलि



समाज जागरण/शिवशंकर पाण्डेय जिला ब्यूरो

बिरसा/बालाघाट।(13 सितंबर)विगत 15 वर्षों से अपने सहकर्मियों की शहादत को नमन कर श्रद्धांजलि अर्पित करने वाला वनविभाग 11 सितंबर को राष्ट्रीय वनशहीद दिवस के रूप में मनाता आ रहा है।अपनी जान की बाजी लगाकर कर वन एवं वन्यजीवों की रक्षा करने वाले वन कर्मियों के ऊपर हमेशा खतरा बना रहता है जिसको लेकर न तो शासन गंभीर है और न ही वनविभाग।क्योंकि वन कर्मियों के पास अपनी सुरक्षा के लिए कुछ भी नही रहता और जो हथियार के रूप में उनके पास रहता है वह है एक लठ्ठ जिसकी मदद से वनकर्मी अपनी सुरक्षा करते है और जो नही कर पाते वे शहीद हो जाते है जो चिंतनीय है जिस पर कोई भी ध्यान नही देता।ऐसा ही एक मामला 2020 में घटित हुआ जिससे पूरा विभाग हिल गया लेकिन सुरक्षा को लेकर कुछ भी न कर सका।मामला बिरसा वनपरिक्षेञ का था जहां सूर्यप्रकाश ऐडे नामक वन कर्मी वन में लगी आग को बुझाते बुझाते खुद बुझ गया लेकिन अपने कर्म को नही छोड़ा जिससे न तो शासन ने कुछ सीख लिया और न हि विभाग ने।ऐसे वनकर्मी को विभाग के साथ पूरा देश नमन करता है।ऐसे कर्तव्यनिष्ठ कर्मी को सिर्फ श्रद्धांजलि अर्पित करना नाकाफी होगा क्योंकि उस कर्मी के पीछे पूरा परिवार होता है जिसको सहारे की सख्त जरूरत होती है लेकिन शासन इसको लेकर गंभीर नजर नही आती जो दुःखद है।आज भी वन कर्मियों के पास अपनी सुरक्षा के लिए कुछ नही होता है जिससे वन कर्मी हमेशा डरे सहमे से रहते हैं क्योंकि आज रेत माफिया, सागौन माफिया और वन्यजीवों के अंगों की तस्करी करने वाले हाईटेक तरीके से अपने कार्यो को अंजाम दे रहे है जिसकी सुरक्षा में लगे वनकर्मियों को अपनी जान की चिंता सताती रहती है कि न जाने कब किस तस्कर से मुठभेड़ हो जाये जो आधुनिक हथियारों से लैस रहते हैं।इसके बाद भी वनकर्मी अपने कार्य को प्राथमिकता देकर वन एवं वन्यजीवों की सुरक्षा में दिन रात लगे रहते है।इनकी सुरक्षा के लिए शासन को आगे आकर ठोस कदम उठाना चाहिए जिससे इनकी हौसला को और गति मिले।प्रदेश सहित पूरे जिले के साथ बिरसा दमोह सा.वनपरिक्षेत्र ने अपने साथियों के शहादत को याद कर करते हुए दो मिनट का मौन धारण कर श्रद्धांजलि अर्पित किया जिसमें वनपरिक्षेञ अधिकारी बिरसा सौरभ शरणागत, पंकज रिछारिया,बी आर नारनौरे, जीवन लाल वरकड़े,लक्ष्मण पन्द्रे,विजय आमा डारे,माली जी एवं समस्त सामान्य वन व उत्पादन का कर्मचारियों की उपस्थिति रही।