जैतहरी के बगहाकछार में बच्चों ने अनुभूति के माध्यम से जाना जंगल का संसार
अनूपपुर। हमें बाघ की तरह संवेदनशील होना चाहिए ताकि बाघ की तरह हम भी सभी को संरक्षित कर सकें उक्त बातें प्रशिक्षु भारतीय वन सेवा के अधिकारी एवं प्रभारी वन परिक्षेत्र अधिकारी जैतहरी ने वन परिक्षेत्र अंतर्गत बगहाकछार में आयोजित अनुभूति कार्यक्रम के दौरान बच्चों को संबोधित करते हुए कहा इस दौरान उन्होंने कहा कि बच्चे आने वाले समय के भविष्य हैं जिन्हें वन, वन्यप्राणियों के साथ पर्यावरण की शुद्धता बनाए रखने की जिम्मेदारी है ताकि भविष्य में हमें लाभ मिल सके। अनुभूति कार्यक्रम में शासकीय उत्कृष्ट उ. मा. विद्यालय जैतहरी के छात्र-छात्राओं ने भाग लिया जिन्हें अनुभूति के प्रेरक शशिधर अग्रवाल, शिवदत्त पांडेय, कुंदन शर्मा, परि. सहायक गोरसी दिलीप कुमार ओगरे, वन परिक्षेत्र अधिकारी अनूपपुर स्वर्णगौरव सिंह, विवेक मिश्रा, वनरक्षक कोमल सिंह एवं अन्य ने वन भ्रमण दौरान वनों में किए जाने वाले वृक्षारोपण की तैयारी, चेक डैम, कन्टूर टन्च एवं कार्यों, वनों में पाए जाने वाले विभिन्न प्रकार की पेड़-पौधों, औषधि वृक्षों, विभिन्न तरह के वन्य प्राणियों, जीव जन्तुओं, दीमक का घर,वन सीमा हेतु बनाए जाने वाले मुनारा, वनविभाग में कार्य करने वाले अधिकारियों/कर्मचारियों के पदों एवं उनके दायित्यो की विस्तृत जानकारी प्रदान की इस दौरान ध्यान कराते हुए बच्चों को शांत वातावरण में होने वाले विभिन्न तरह के आभास, आवाजों की जानकारी प्रदान करते हुये वन, वन्यप्राणियों से संबंधित प्रश्नोत्तरी तथा वन्यप्राणियों का चित्रण उनके आवाजों, शारीरिक बनावट का अनुभव कराया गया, चिपको आंदोलन के तहत बच्चों को वृक्षों से चिपक कर वृक्षों को बचाने का संकल्प दिलाया गया इस दौरान शपथ दिलाते हुए प्लास्टिक का उपयोग कम करने, साफ-सफाई रखें जाने, अधिक से अधिक पौधारोपण करने के संबंध में अपील की गई, छात्रों ने अनुभूति कार्यक्रम के मूल उद्देश्य हम है बदलाव पर गीत प्रस्तुत किया, छात्र-छात्राओं को विभिन्न गतिविधियों में उत्साह पूर्वक सम्मलित होने पर अतिथियों द्वारा पुरस्कृत किया गया कार्यक्रम में विद्यालय के प्राचार्य हेमंत पांडेय, विद्यालय के साथ वन परि. सहायक कोमल सिंह, ज्ञानचंद नागेश, दिलीप कुमार ओगरे, बेसाहन सिंह आर्मो के साथ वनरक्षक, सुरक्षा श्रमिक सम्मिलित रहे हैं।